Gold-Silver Price : त्योहार खत्म, अब सोने की कीमतों में आएगी उथल-पुथल, 10 साल की तेज गिरावट
Gold-Silver Price : त्योहारों के खत्म होते ही सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट दिखनी शुरू हो गई. सोने का भाव तो पिछले 10 साल में सबसे तेजी से नीचे गिरा और हफ्तेभर में ही 8 फीसदी टूट गया.
Gold-Silver Price : नई दिल्ली. नवरात्र से शुरू हुआ त्योहारों का सीजन भाई दूज के साथ ही समाप्त हो चुका है और सोने की खरीदारी में भी सुस्ती दिखने लगी है. अब सभी की नजरें अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व पर टिकी हैं और आने वाले समय में फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल क्या फैसला लेते हैं, यही सोने का भविष्य तय कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही सोने के भाव में बड़ी उथल-पुथल दिखाई दे सकती है. पिछले सप्ताह ही सोने के भाव में बड़ी गिरावट दिखी और माना जा रहा है कि यह सुस्ती आगे भी जारी रह सकती है.
कमोडिटी एक्सपर्ट का मानना है कि इस हफ्ते घरेलू बाजार में सोने की कीमतें कुछ हद तक स्थिर रह सकती हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशक प्रमुख केंद्रीय बैंकों की बैठकों और वैश्विक व्यापार घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं. फिलहाल अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति और फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान पर खास नजर रखेंगे. जेएम फाइनेंशियल के उपाध्यक्ष प्रणव मेर का कहना है कि हाल ही में सोने की कीमतें दस हफ्तों में पहली बार गिर गईं हैं. इसका कारण निवेशकों की मुनाफा वसूली, भारत और चीन में कमजोर मांग तथा मजबूत अमेरिकी डॉलर है.
प्रणव ने कहा कि भारत में खरीदार कीमतें और गिरने की उम्मीद में कम खरीद रहे हैं, जबकि चीन और सिंगापुर में कम कीमतों ने खरीदारी बढ़ा दी है. एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के वायदा भाव में 3,557 रुपये की गिरावट आई है. एंजेल वन के प्रथमेश माल्या ने कहा कि सोने में यह गिरावट निवेशकों की मुनाफा वसूली करने और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में सुधार के संकेतों के कारण आई है.
एमकेए ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की शोध विश्लेषक रिया सिंह ने कहा कि इस सप्ताह सोने में एक दशक में सबसे तेज 6 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. यह मुख्य रूप से तकनीकी कारणों से हुई, क्योंकि कीमतें 4,300 डॉलर प्रति औंस के ऊपर टिक नहीं पाईं. उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में आशावाद और मजबूत डॉलर ने सोने में निवेश को सीमित किया. रिया सिंह ने कहा कि कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन सोने का दीर्घकालिक नजरिया मजबूत है. अमेरिकी बजटीय घाटा, केंद्रीय बैंकों का डॉलर से दूर होना और भू-राजनीतिक जोखिम सोने के लिए सकारात्मक बने रहेंगे.
चांदी में भी हाल ही में तेजी के बाद गिरावट आई है. एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी 9,134 रुपये (5.83 प्रतिशत) कम हुई. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 3.02 प्रतिशत नीचे आई है. रिया सिंह ने कहा कि चांदी का दीर्घकालिक दृष्टिकोण मजबूत है, क्योंकि सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे उद्योगों में मांग बढ़ रही है. खुदरा खरीदारों से ज्यादा औद्योगिक उपयोग में चांदी की बढ़ती डिमांड से कीमतों में उछाल दिखा. अगर उद्योगों की डिमांड नीचे आती है या अन्य विकल्पों पर विचार करते हैं तो इसके भाव में बड़ी गिरावट दिख सकती है.

