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IRSO लॉन्च करने जा रहा है CMS-03 सैटेलाइट, नौसेना को मिलेगी मजबूती

इसरो 2 नवंबर को LVM-3 रॉकेट से सैन्य संचार उपग्रह CMS-03 (GSAT-7R) प्रक्षेपित करेगा. यह भारतीय नौसेना की समुद्री रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देगा और भारतीय भूभाग व समुद्री क्षेत्र में संचार सेवाएं प्रदान करेगा. लगभग 4400 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह, भारतीय धरती से GTO में प्रक्षेपित होने वाला सबसे भारी संचार सैटेलाइट होगा.

भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)की तरफ से भारतीय नौसेना के लिए CMS-03 या Gsat-7R सैटेलाइट लॉन्च करने वाले LVM-3 लॉन्च व्हीकल को श्रीहरिकोटा स्थित लॉन्च पैड पर शिफ्ट कर दिया गया है. हालांकि इसको साल 2024 में लॉन्च किया जाना था, जिसमें एक साल की देरी हो चुकी है. इस सैटेलाइट के लॉन्च से भारत की समुद्री रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा.

इसरो 2 नवंबर को श्रीहरिकोटा से सैन्य संचार उपग्रह CMS-03 (GSAT-7R) लॉन्च करेगा. LVM3 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित यह उपग्रह भारतीय भूभाग और व्यापक समुद्री क्षेत्र को संचार सेवाएं प्रदान करेगा. इसका वजन लगभग 4400 किलोग्राम है. यह सैटेलाइट को लेकर सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) से प्रक्षेपित किया जाएगा.

इस प्रक्षेपण के साथ ही यह भारतीय धरती से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में लॉन्च होने वाला सबसे भारी कम्यूनिकेशन सैटेलाइट होगा.

खास तरीके से किया गया डिजाइन

अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अनुसार सीएमएस-03 एक बहु-बैंड संचार उपग्रह है, जिसको भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसका वजन लगभग 4,400 किलो है. एलवीएम3 के पिछले मिशन ने चंद्रयान-3 मिशन को प्रक्षेपित किया था, जिससे कारण भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश बना था.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2 नवंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सैन्य संचार उपग्रह CMS-03 का प्रक्षेपण करेगा. CMS-03 संचार उपग्रह, जिसे GSAT-7R के नाम से भी जाना जाता है. इसको प्रक्षेपण यान मार्क 3 (LVM3) द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा.

इसरो की तरफ से क्या कहा गया?

इस लॉन्च को लेकर इसरो की तरफ से कहा गया कि CMS-03 एक बहु-बैंड संचार उपग्रह है, जो भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा. लगभग 4400 किलोग्राम वजनी CMS-03, भारतीय धरती से भू-समकालिक ट्रांसफर (GTO) में प्रक्षेपित होने वाला सबसे भारी संचार उपग्रह होगा.

इसरो ने बताया कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से असेंबल और अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है. पिछली बार इस रॉकेट को जुलाई 2023 में श्रीहरिकोटा से ऐतिहासिक चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण के लिए तैनात किया गया था.

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