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कर्नाटक वोट चोरी: एक वोट हटाने के लिए 80 रुपये SIT ने अलंद चुनाव की जांच में क्या-क्या पाया?

कर्नाटक पुलिस की SIT टीम ने दावा किया कि अलंद विधानसभा क्षेत्र में 2023 चुनाव से पहले वोट हटाने की साजिश रची गई थी. एक वोट हटाने के लिए 80 रुपये का भुगतान किया जाता था. जांच में छह मुख्य संदिग्धों की पहचान हुई, जो कालबुर्गी के डेटा सेंटर से जुड़े थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर मामले की जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया था.

 

कर्नाटक पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने दावा किया कि अलंद विधानसभा क्षेत्र में 2023 के चुनाव से पहले वोट हटाने की साजिश रची गई थी. जांच में खुलासा हुआ कि एक वोट हटाने के लिए 80 रुपये का भुगतान किया जाता था.

जानकारी के मुताबिक, SIT ने 2023 के विधानसभा चुनाव में वोट चोरी में शामिल 6 लोगों की पहचान की है. इस मामले ने उस समय तूल पकड़ा जब सितंबर 2025 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस मामले की जांच करने और जरूरी जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया था.

18 बार पत्र लिखकर मांगी जानकारी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने चुनाव आयोग को 18 बार पत्र लिखकर तकनीकी जानकारी मांगी थी, लेकिन आयोग की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला था. उस समय कांग्रेस नेता बी.आर. पाटिल ने अलंद से बीजेपी के सुभाष गुट्टेदार को 10,348 वोटों से हराया था.

इसके बाद, सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने 21 फरवरी 2023 को कलबुर्गी के अलंद पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया था. एसआईटी की नियुक्ति के आदेश में कहा गया कि अलंद में मतदाता सूची से 6,018 वोटर्स के नाम हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन केवल 24 वोटरों के नाम ही हटाए गए. बाकी 5,994 वोट नहीं हटाए गए क्योंकि उनके आवेदन गलत पाए गए.

SIT कर रही है जांच

एसआईटी ने लगभग 30 संदिग्धों से पूछताछ की है, जिनमें से लगभग छह को मुख्य संदिग्ध माना गया है. जांच में यह भी पता चला कि ये छह संदिग्ध कालबुर्गी के एक डेटा सेंटर से जुड़े थे, जहां वोट हटाने के लिए आवेदन दिए गए थे. एक संदिग्ध कथित तौर पर दुबई भाग गया. इसके बाद एसआईटी ने संदिग्धों से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की. उन्होंने गुट्टेदार के यहां भी छापेमारी की. गुट्टेदार ने कहा कि अलंद में एसआईटी के आने पर जलाए गए कागजात उनके नौकरों ने दिवाली की सफाई के दौरान फेंके थे.

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