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केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने में कितने दिन बाकी हैं? आज सामने आया ये बड़ा अपडेट

kedarnath

केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने में कुछ ही दिन बाकी है। आज इसको लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। आज केदारनाथ धाम के संरक्षक देवता भकुंट भैरवनाथ जी के कपाट बंद कर दिए गए हैं।

 

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में दर्शन करने की इच्छा रखने वालों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। आज केदारनाथ धाम के संरक्षक देवता भकुंट भैरवनाथ जी के कपाट दोपहर 1:15 बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। यानी अब केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने में कुछ ही दिन शेष हैं।

केदारनाथ धाम के कपाट कब बंद होंगे?

भैरवनाथ जी के कपाट बंद होने के साथ ही अब श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने और पंचमुखी डोली की पूजा-अर्चना की तैयारियां शुरू हो गई हैं। केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे, जबकि भैरवनाथ जी के कपाट आज बंद हो गए हैं।

भैरवनाथ जी के कपाट बंद होने से पहले हुई पूजा अर्चना

आज केदारनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद, श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी, केदारनाथ सभा के सदस्य और रुद्रपुर की पंच पंडा समिति के सदस्य मंदिर परिसर से भैरवनाथ मंदिर की ओर कपाट बंद करने की रस्म के लिए रवाना हुए। इसके बाद विधि-विधान से भैरवनाथ जी के कपाट आज बंद कर दिए गए।

केदारनाथ धाम के बारे में जानिए

हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक केदारनाथ धाम है। यह उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से 11वें ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है और यहां भगवान शिव की कृपा पाने के लिए दुनियाभर से श्रद्धालु आते हैं।

ये हिमालय की गोद में स्थित है और मंदाकिनी नदी के तट पर, उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में है। इसके नजदीकी शहरों में हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून हैं। इसके आसपास चोराबारी ताल (गौरीकुंड के पास), वासुकी ताल, और अनशन त्रिवेणी भी है। ये भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

सर्दियों में एक निश्चित समय के लिए इस धाम के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

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