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छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ जंगल का 4,400 वर्ग किमी क्षेत्र माओवाद मुक्त

210 Maoists surrender in Jagdalpur: मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। हम उन्हें तीन वर्ष तक आर्थिक सहायता और जीवन पुनर्वास का संपूर्ण अवसर देंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बनी हमारी पुनर्वास और उद्योग नीति का यह परिणाम है।

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में शुक्रवार को सेंट्रल कमेटी सदस्य व दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता रूपेश उर्फ विकल्प के नेतृत्व में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) सदस्य भास्कर उर्फ राजमन मंडावी, रनीता, राजू सलाम सहित 210 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया। मंच पर जैसे ही माओवादी पहुंचे, लाल बंदूकें झुक गईं और उनके हाथों में संविधान की किताब और लाल गुलाब थे। यह प्रतीक था हिंसा से शांति की ओर यात्रा का। इस समर्पण के साथ अबूझमाड़ के 4400 वर्ग किमी, कांकेर जिले और महाराष्ट्र सीमा तक का क्षेत्र माओवाद मुक्त हो गया है।

कार्यक्रम स्थल पर सफेद कपड़े का आवरण हटते ही हथियारों का ढेर सामने आया। 19 एके-47, 17 एसएलआर(सेल्फ लोडिंग राइफल), 23 इंसास राइफल, एक इंसास एलएमजी (लाइट मशीनगन), एक यूबीजीएल (अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर), 36 थ्री-नाट-थ्री राइफल, चार कार्बाइन, 11 बीजीएल (बैरेल ग्रेनेड लांचर), 41 नग 12 बोर बंदूकें और एक पिस्टल। पुलिस महानिदेशक अरुण गौतम, आइजीपी सुंदरराज पी. और सुरक्षा बलों की मौजूदगी में कुल 153 हथियारों के साथ यह आत्मसमर्पण अब तक का सबसे बड़ा माना गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा ने जगदलपुर में ही पुलिस कोआर्डिनेशन सेंटर से शांति का संदेश दिया।

समर्पण का पूरा सार

  • समर्पित माओवादी: 208
  • महिलाएं: 106
  • पुरुष: 104
  • सौंपे गए हथियार: 153
  • मुख्य नेता: रूपेश उर्फ विकल्प (सेंट्रल कमेटी सदस्य)
  • मुक्त क्षेत्र: अबूझमाड़, नारायणपुर, कांकेर, गढ़चिरौली सीमा

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