सुकमा में 27 सक्रिय माओवादियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया है। इन माओवादियों पर 50 लाख का इनाम था।माओवादियों में 2 हार्डकोर माओवादी भी शामिल हैं, जो पीएलजीए बटालियन-01 में सक्रिय थे। वहीं सरेंडर करने वालों में 10 महिलाएं और 17 पुरुष शामिल हैं।
सुकमा। माओवाद के खिलाफ जंग में सरकार के हाथ बड़ी कामयाबी लग रही है। सालों से माओवाद से जुड़े बड़े-बड़े माओवादी इस विचारधारा को छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। जहां एक ओर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में प्रमुख माओवादी नेता सोन उर्फ भूपति ने अपने 60 साथियों के साथ हथियार छोड़कर संविधान को हाथ में पकड़ा है, वहीं छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में भी बुधवार को 27 सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
आत्मसमर्पण करने वाले इन माओवादियों में 2 हार्डकोर माओवादी भी शामिल हैं, जो पीएलजीए बटालियन-01 में वर्षों से सक्रिय थे। इन सभी माओवादियों पर 50 लाख का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में 10 महिलाएं और 17 पुरुष शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में सीवायसीएम 1 के 15 पार्टी सदस्य है और उग्र संगठन से जुड़े 11 सदस्य शामिल है। सरेंडर करने वाले इन माओवादियों में 1 माओवादी पर 10 लाख, 3 पर 8-8 लाख, 1 पर 3 लाख, 2 पर 2-2 लाख और 9 माओवादियों पर 1-1 लाख का इनाम है। कुल मिलाकर 50 लाख का ईनामी गिरोह ने सरेंडर किया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्रभावी पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर अब कर 500 से ज्यादा छोट-बड़े माओवादियों ने सरेंडर कर दिया है। आत्मसमर्पण के पीछे छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति, नियद नेल्ला नार योजना और अंदरूनी इलाकों में बढ़ते सुरक्षा कैम्पों का दबदबा एक बड़ा कारण है।
सुरक्षा बल से वरिष्ट अधिकारियों ने इन आत्मसमर्पण को जवानों की बड़ी सफलता बताया है। अधिकारियों ने कहा कि इस सफलता में जिला बल, डीआरजी, विआशा, एसटीएफ, सीआरपीएफ (02, 74, 131, 151, 216, 217 वाहिनी) और कोबरा 203 बटालियन की अहम भूमिका रही है।