Wed. Oct 15th, 2025

छत्तीसगढ़ की डिजिटल प्रगति को मिला राष्ट्रीय मंच, CM विष्णु देव साय की कोशिश रंग लाई

साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ द्वारा स्थापित किए जा रहे अत्याधुनिक स्टेट डेटा सेंटर और मैनेज्ड सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (MSOC) की प्रगति से अवगत कराया गया है. वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि भौगोलिक स्थिति, सरप्लस विद्युत उपलब्धता, Seismic Zone-II वर्गीकरण और आकर्षक निवेश नीति से छत्तीसगढ़ डेटा सेंटर देश का उभरता केंद्र बन रहा है.

 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की डिजिटल प्रगति और तकनीकी क्षमता को राष्ट्रीय मंच पर प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया गया. नई दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित भारत मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के अंतर्गत राज्यों के आईटी मंत्रियों की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में राज्य के वित्त मंत्री एवं कैबिनेट मंत्री ओ.पी. चौधरी ने छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए देशभर के समक्ष राज्य के डिजिटल और दूरसंचार विकास की दृष्टि प्रस्तुत की.

उन्होंने कहा कि केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दूरसंचार अधोसंरचना के समन्वित विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयास सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण हैं. वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में प्रदेश में मोबाइल नेटवर्क विस्तार की आवश्यकता, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश के अवसर, साइबर सुरक्षा, डेटा सेंटर विकास और नवीन तकनीकों के प्रोत्साहन पर विशेष बल दिया.

ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हुए कार्यक्रम में शामिल

उन्होंने इंडियन मोबाइल कॉन्फ़्रेंस में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष छत्तीसगढ़ में मोबाइल टावरों और हाई-स्पीड इंटरनेट विस्तार के लिए ठोस तर्क प्रस्तुत किए. साथ ही विभिन्न राज्यों को छत्तीसगढ़ में भूकंपीय जोखिम कम होने के कारण डेटा सेंटर एवं डिज़ास्टर रिकवरी साइट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया.

भारत सरकार के दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में दूरसंचार अधोसंरचना के तीव्र विकास के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है. इसी क्रम में राज्य ने भारत सरकार द्वारा जारी राइट ऑफ वे (ROW) नियम, 2024 को अधिसूचित कर 1 जनवरी 2025 से प्रभावी कर दिया है तथा केंद्रीय ROW पोर्टल पर ऑनबोर्ड होने का निर्णय लिया है.

वित्त मंत्री चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित क्षेत्रों में दूरसंचार विस्तार प्राथमिकता पर जारी है. राज्य के कम जनसंख्या घनत्व एवं सुरक्षा-संवेदनशील जिलों में लगभग 1,600 टावर स्थापित किए जा रहे हैं. उन्होंने अनुरोध किया कि मोबाइल नेटवर्क विस्तार की वर्तमान योजनाओं — LWE फेज-I एवं II, Aspirational Districts और 4G Saturation — में छत्तीसगढ़ को विशेष श्रेणी रियायत प्रदान की जाए, ताकि इन क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ किया जा सके.

धरती आबा योजना पर जोर

इसके साथ ही उन्होंने नेटवर्क विस्तार की आगामी योजनाओं, जैसे धरती आबा योजना, के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त टावर स्वीकृति और राज्य-विशेष नई योजना के निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने बताया कि राज्य के दूरस्थ वनांचलों में, जहाँ मोबाइल नेटवर्क विस्तार अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, वहाँ सैटेलाइट आधारित कनेक्टिविटी के लिए नवीन परियोजनाओं की स्वीकृति आवश्यक है.

डिजिटल भारत निधि के अंतर्गत भारतनेट परियोजना फेज-III के तहत छत्तीसगढ़ द्वारा ₹3,761.15 करोड़ का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है, जिसके माध्यम से राज्य की 5,659 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर द्वारा हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी. उन्हेोंने इस प्रस्ताव की शीघ्र स्वीकृति का आग्रह करते हुए कहा कि इससे प्रदेश की ग्राम पंचायतें टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस और डिजिटल पेमेंट जैसी सेवाओं से जुड़ सकेंगी तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का डिजिटल इंडिया का स्वप्न साकार होगा.

छत्तीसगढ़ में डिज़ास्टर रिकवरी डेटा सेंटर्स

रैंक बैंक डेटा सेंटर्स द्वारा रायपुर में भारत का पहला AI-Optimized Data Center Park लॉन्च किया गया है, जिसमें ₹1,000 करोड़ का प्रारंभिक निवेश किया गया है, जो अगले पाँच वर्षों में ₹3,000 करोड़ तक बढ़ेगा. यह सुविधा 13.5 एकड़ में फैली है, 80 मेगावाट क्षमता प्रदान करती है और इसमें 1 लाख GPU होंगे, जिससे 500 से अधिक उच्च-कुशल रोजगार सृजित होंगे. इसके अतिरिक्त ESDS Software Solutions ने रायपुर में ₹600 करोड़ के निवेश से उन्नत AI-आधारित डेटा सेंटर स्थापना का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है.

इस अवसर पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने केंद्र सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों एवं अन्य राज्य सरकारों को छत्तीसगढ़ में अपने डिज़ास्टर रिकवरी डेटा सेंटर्स स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से सभी डेटा सेंटर निवेशकों को आवश्यक सभी सुविधाएँ प्रदान करने के लिए पूर्णतः कृतसंकल्पित है.

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