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नौकरी पर तेजस्वी ने 5 साल में 30 गुना किया अपना वादा, कितनी हकीकत कितना फसाना?

RJD नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता से बड़ा वादा किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार बनने पर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. इस ऐलान के बाद से ही तेजस्वी विरोधियों के निशाने पर हैं. सवाल किया जा रहा है कि तेजस्वी इतनी नौकरियां लाएंगे कहां से.

 

बिहार में चुनाव है और वादों की बहार है. राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी गुरुवार को अपने प्रदेश की जनता से एक बड़ा वादा किया. तेजस्वी ने कहा कि राज्य में उनकी सरकार आई तो हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. तेजस्वी ने जैसे ही ये ऐलान किया विपक्ष एक्टिव हो गया. प्रशांत किशोर से लेकर बीजेपी के नेता हमलावर हो गए.

बिहार में 3.5 करोड़ परिवार हैं, यानी सत्ता में आने के बाद तेजस्वी 3.5 करोड़ नौकरी देंगे. प्रशांत किशोर पूछ रहे हैं कि जब बिहार में 26 लाख सरकारी नौकरियां हैं तो वह 3.5 करोड़ नौकरियां कहां से देंगे. इससे पहले 2020 के चुनाव में तेजस्वी ने 10 लाख सरकारी नौकरी का वादा किया था. इस हिसाब से नौकरी पर उन्होंने 30 गुना ज्यादा वादा किया है. तेजस्वी कहते हैं कि उन्होंने पिछली सरकार में 17 महीने के अंदर 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दिलाई थी.

उन्होंने कहा कि मैंने पिछले विधानसभा चुनावों में भी सरकारी नौकरियों का वादा किया था. सत्ता में मेरे छोटे से कार्यकाल के दौरान, पांच लाख नौकरियाँ प्रदान की गईं. आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर मुझे पांच साल का कार्यकाल मिलता तो क्या संभव होता.

तेजस्वी ने नौकरियों को बनाया था मुद्दा

तेजस्वी ने 2020 के चुनावों में नौकरियों को चुनावी मुद्दा बनाया था, इसलिए जनवरी 2024 में नीतीश के महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल होने के बाद भी यह मुद्दा राज्य के राजनीतिक विमर्श में छाया रहा. महीनों बाद अक्टूबर में नीतीश के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 2.8 लाख सरकारी रिक्तियों को भरने के लिए एक अधिसूचना जारी की. कई लोगों ने इस कदम को तेजस्वी का मुकाबला करने और यह तर्क देने की कोशिश के रूप में देखा कि नीतीश के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने वर्तमान कार्यकाल में 5 लाख और 2005 में उनके सत्ता में आने के बाद से 10 लाख नौकरियां दी हैं.

सरकारी नौकरियों की मांग अभी भी काफी है. हाल ही में ब्लॉक स्तर पर शिक्षा विकास अधिकारियों के लगभग 930 पदों के लिए 10 लाख से ज़्यादा लोगों ने अप्लाई किया. पिछले चार वर्षों में सरकारी स्कूल शिक्षकों के लिए आयोजित पिछली तीन भर्ती परीक्षाओं में, सरकार को लगभग चार लाख रिक्तियों के लिए कुल मिलाकर 20 लाख से ज़्यादा आवेदन प्राप्त हुए. नवंबर 2005 से जब नीतीश कुमार ने पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी राज्य सरकार ने लगभग 12 लाख सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं.

7% से भी कम आबादी स्नातक

स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काफी अवसर हो सकते हैं, लेकिन इनके लिए विशेषज्ञता और विशिष्ट प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है. अगर 3.5 करोड़ लोगों को रोज़गार देने की लागत को शामिल न भी करें, तो भी राज्य सरकार किस तरह की नौकरियां दे सकती है, खासकर जब राज्य की 7% से भी कम आबादी स्नातक है.

आबादी के हिसाब से बिहार में 4.92 फीसदी के पास रोजगार उपलब्ध है. इसमें से सिर्फ 1.57 फीसदी लोगों के पास सरकारी नौकरी है. बिहार में कुल 46 सरकारी विभाग हैं.

  • प्रशासनिक क्षेत्र-10 विभाग
  • वित्त क्षेत्र-7 विभाग
  • मानव संसाधन क्षेत्र-3 विभाग
  • इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र- 8 विभाग
  • कृषि सिंचाई क्षेत्र- 10 विभाग
  • समाज कल्याण क्षेत्र- 5 विभाग
  • कला संस्कृति क्षेत्र- 3 विभाग

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