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लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से जुड़ी बड़ी खबर

लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ वांगचुक मामले की सुनवाई करेगी।

 

नई दिल्ली: लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोपी सोनम वांगचुक से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 6 अक्तूबर को सुनवाई करेगा। ये सुनवाई गीतांजलि अंगमो की उस याचिका पर होगी, जिसमें उन्होंने एनएसए के तहत उनकी हिरासत के खिलाफ और उनकी रिहाई की मांग की है।

न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। बता दें कि सोनम वांगचुक पर लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने का आरोप लगाया गया था।

सोनम वांगचुक के लिए पत्नी ने कानूनी लड़ाई का रास्ता चुना

गौरतलब है कि सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि वांगचुक की गिरफ्तारी गैर कानूनी है और उन्हें फौरन रिहा किया जाना चाहिए। ये याचिका अनुच्छेद 32 के तहत डाली गई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से सीधे हैबियस कॉर्पस (गलत तरीके से कैद किए व्यक्ति को रिहा कराने की मांग) की अपील की जाती है।

गीतांजलि का कहना है कि वांगचुक पर पाकिस्तान से संपर्क रखने का आरोप लगाया गया, जोकि गलत है।

लद्दाख में हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए थे वांगचुक

लद्दाख में जो हिंसा भड़की, उसके बाद वांगचुक को 24 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस समय वांगचुक राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद हैं। उन पर NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की गई है।

राष्ट्रपति को लिखी थी चिट्ठी

गीतांजलि आंगमो ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को तीन पेज का पत्र लिखा था। उन्होंने अपने पति की रिहाई के लिए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। उन्होंने अपने पत्र में ये आरोप लगाया था कि उनके पति को बदनाम किया जा रहा है क्योंकि वह बीते 4 सालों से लोगों के हितों के लिए काम कर रहे हैं।

सोनम वांगचुक कौन हैं?

सोनम वांगचुक एक भारतीय इंजीनियर, नवप्रवर्तक, और पर्यावरणविद् हैं, जो लद्दाख में अपने सामाजिक और शैक्षिक कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। वे स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के संस्थापक हैं और लद्दाख के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा सुधार और सतत विकास को लेकर काम कर रहे हैं।

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