Kangana Ranaut को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, मानहानि केस में वापस ली याचिका

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने किसान आंदोलन से जुड़े मानहानि केस को रद करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए उनकी याचिका को सुनने से इनकार कर दिया।
हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कंगना रनौत की उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें 2020-21 के किसान आंदोलन से जुड़े एक रिट्वीट पर उनकी टिप्पणी के खिलाफ दायर मानहानि केस को रद्द करने की अपील की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कंगना रनौत की इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। बेंच ने कहा कि यह साधारण रिट्वीट नहीं था। आपने इसमें अपनी टिप्पणी जोड़ी, मसाला डाला। कंगना के वकील ने सफाई देने का प्रयास किया। कहा कि उनकी मुवक्किल ने अपनी टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण दे दिया है। इस पर बेंच ने कहा कि यह स्पष्टीकरण निचली अदालत में दिया जा सकता है।
व्यक्तिगत पेशी के लिए करें आवेदन
कंगना रनौत के वकील ने कहा कि वे पंजाब में सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं। वे यात्रा नहीं कर सकती हैं। इस पर कोर्ट ने व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए आवेदन करने का सुझाव दिया। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी कि अगर ज्यादा बहस करेंगे तो अदालत ऐसी टिप्पणी कर सकती है, जो उनके मुकदमे को नुकसान पहुंचाए। सुप्रीम कोर्ट के इस सख्त रवैये के बाद कंगना के वकील ने आखिरकार याचिका वापस लेने का फैसला किया।
ये है पूरा मामला
कंगना रनौत ने 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान एक रिट्वीट किया था। साथ ही टिप्पणी भी की थी। इस पोस्ट में पंजाब की बठिंडा निवासी 73 वर्षीय महिंदर कौर की तस्वीर शेयर की। दावा किया कि ये वही दादी है, जो शाहीन बाग प्रदर्शन में शामिल थी। इस टिप्पणी को महिंदर कौर ने आपत्तिजनक माना और जनवरी 2021 में बठिंडा की एक अदालत में कंगना के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने भी कंगना रनौत की मानहानि केस रद्द करने की अपील खारिज कर दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका रद्द कर दी, जिससे कंगना रनौत के लिए कानूनी राह और भी मुश्किल हो गई है।