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इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार कौन? फैसला आज, इन नामों पर चर्चा तेज

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया। विपक्षी INDIA ब्लॉक आज अपने साझा उम्मीदवार का ऐलान करेगा। तुषार गांधी और इसरो वैज्ञानिक मैलस्वामी अन्नादुरई जैसे नामों पर चर्चा।

Vice Presidential Election 2025: भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 को लेकर सियासी हलचल तेज है। बीजेपी नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक ने आज (मंगलवार, 19 अगस्त) को अपने उम्मीदवार का ऐलान कर सकता है। फिलहाल, तीन नाम चर्चा में हैं।

इंडिया गठबंधन ने आज दोपहर 12:30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इसमें सभी विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे। राहुल गांधी बिहार से बर्चुअल जुड़ेंगे। माना जा रहा है कि इसी मीटिंग में साझा उम्मीदवार पर सहमति बनाकर इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।

इंडिया ब्लॉक किन नामों पर कर रहा मंथन?
मौजूदा राजनीतिक हालातों को देखें तो विपक्ष के लिए उप राष्ट्रपति चुनाव काफी मुश्किल है, लेकिन इंडिया गठबंधन इसे ‘लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई के प्रतीक के तौर पर पेश करना चाहता है। इसी रणनीति के तहत कुछ अहम नामों पर चर्चा चल रही है। इनके अलावा महाराष्ट्र के एक दलित नेता को भी प्रत्याशी बनाया जा सकता है। ताकि, सामाजिक न्याय की लड़ाई को धार दिया जा सके।

मैलस्वामी अन्नादुरई: पूर्व इसरो वैज्ञानिक, जिन्होंने चंद्रयान-1 परियोजना का नेतृत्व किया।
तिरुचि सिवा: डीएमके के वरिष्ठ सांसद और तमिलनाडु से राज्यसभा सदस्य।
तुषार गांधी: महात्मा गांधी के परपोते और इतिहासकार, विपक्ष चाहता है कि यह चुनाव भाजपा के खिलाफ वैचारिक संघर्ष के रूप में दिखे।
पीएम मोदी से मिले राधाकृष्णन
एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन सोमवार को दिल्ली पहुंचे। एयरपोर्ट में सीएम रेखा गुप्ता समेत कई सीनियर नेता उनका स्वागत करने पहुंचे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात हुई। मंगलवार सुबह संसद में गठबंधन के सभी सीनियर नेताओं के साथ बैठक है।

चुनाव में बड़ा मुकाबला तय
एनडीए पहले ही अपना उम्मीदवार उतार चुका है। इंडिया ब्लॉक आज की बैठक के बाद उम्मीदवार घोषित करेगा। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह चुनाव सिर्फ उपराष्ट्रपति पद तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि 2029 की तैयारी और वैचारिक जंग का भी मंच बनेगा।

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