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CG Vidhansabha: खाद की कमी को लेकर विधानसभा हंगामा, 31 विधायक हुए निलंबित

CG Vidhansabha: छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष ने भी विपक्ष को लेकर तीख टिप्पणी करते हुए कहा, परम्पराओं की धज्जियां कैसे उड़ाई जा रही है।

CG Vidhansabha: विधानसभा में गुरुवार का दिन काफी हंगामेदार रहा। डीएपी की कमी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। कृषि मंत्री रामविचार नेताम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के विधायक गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। विपक्ष ने निलंबन के बाद भी नारेबाजी का क्रम जारी रखा। प्रश्नकाल बाधित हुआ। दो बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के निलंबन आदेश के बाद विपक्ष सदन से बाहर नहीं गया, तो विपक्ष के सभी विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया।

जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष ने भी विपक्ष को लेकर तीख टिप्पणी करते हुए कहा, परम्पराओं की धज्जियां कैसे उड़ाई जा रही है। प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने प्रदेश में डीएपी खाद की कमी से किसानों को हो रही परेशानी का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष वितरण का लक्ष्य 3.10 लाख टन के विरुद्ध 1.48 लाख टन ही भंडारण हो पाया है। मंत्री ने कहा कि आपूर्ति के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। डीएपी के साथ दूसरे खाद नैनो डीएपी को भी प्रमोट किया जा रहा है।

पटेल व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, सरकार खाद सहकारी समितियों को न देकर निजी क्षेत्र को अधिक खाद दे रही है। उन्होंने खाद की कालाबाजारी का भी आरोप लगाया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, प्रतिपक्ष के सदस्यों से 2-3 बार आग्रह करने के बाद भी सदन में निरंतर असंसदीय व्यवहार किया। विपक्ष यहां की 25 साल की परंपरा को ध्वस्त करने में लगे हुए हैं। ये छत्तीसगढ़ का नुकसान है। छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपराओं का है। पूरा देश देखता है कि, छत्तीसगढ़ ने क्या मापदंड स्थापित किए थे।

भाजपा के अजय चंद्राकर ने कहा कि आपके समय तो राजनांदगांव नकली खाद का कारखाना था। इसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष की ओर से नारेबाजी शुरू हो गई। सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने अगले प्रश्न के लिए बोला तो विपक्षी सदस्य गर्भगृह में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। इस बीच प्रश्नकाल चलता रहा। बाद में दोबारा सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

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