8 दिन में 5 देशों का दौरा करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी, जानें भारत कैसे बन रहा ग्लोबल साउथ की आवाज

पीएम नरेंद्र मोदी 8 दिनों में 5 देशों का दौरा करेंगे। फिलहाल पीएम मोदी अर्जेंटीना के दौरे पर पहुंचने वाले हैं। बता दें कि 11 साल में पीएम मोदी दूसरी बार इतनी लंबी विदेश यात्रा पर गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 11 वर्ष के शासन काल में दूसरी बार इतनी लंबी विदेश यात्रा पर कही गए है। इससे पहले 2015 में 6 जुलाई से 13 जुलाई के बीच प्रधानमंत्री रूस और मध्य एशिया के पांच देशों की यात्रा पर गए थे। इसके बाद प्रधानमंत्री की यह सबसे लंबी विदेश यात्रा है। इस यात्रा में प्रधानमंत्री ग्लोबल साउथ यानी कि अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन देशों की यात्रा पर है। इसके तहत प्रधानमंत्री पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना, कैरिबियन देश त्रिनिदाद और टोबैगो, लैटिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना और ब्राजील, साथ ही अफ्रीकी देश नामीबिया का दौरा करेंगे।
घाना में प्रधानमंत्री
पश्चिम अफ्रीका के देश घाना के पास महत्वपूर्ण खनिजों का भंडार है विशेषकर लिथियम का। लगभग 30 साल के बाद भारत के किसी प्रधानमंत्री का यह दौरा हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी यहां 2-3 जुलाई के बीच पहुंचे। यहां उन्होंने घाना की संसद के ज्वाइंट सेशन को भी संबोधित किया और यहां उन्हें घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी राष्ट्रपति माहना के द्वारा दिया गया।
त्रिनिदाद और टोबैगो में प्रधानमंत्री
3 से 4 जुलाई के बीच प्रधानमंत्री ने त्रिनिदाद -टोबैगो का दौरा किया। वहां भारतीय मूल के लोग 40 से 45 फीसदी हैं। वहां की सत्ता भी भारतीय मूल के नेताओं के हाथ में है। 1845 से 1917 के बीच लगभग एक लाख 17 हजार भारतीयों को अंग्रेज मजदूरी करने के लिए वहां लेकर गए थे। आज यहां भारतीय मूल के लोग हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। भारतीय अब त्रिनिदाद टोबैगो की सामाजिक संस्कृति की पहचान बन चुके हैं। इन देशों के साथ अपने रिश्ते और मजबूत करना भारतीय प्रवासी कूटनीति का एक बड़ा अहम हिस्सा है। इससे पहले भी मोदी कैरेबियन देशों की यात्रा कर चुके हैं ।
अर्जेंटीना जाएंगे पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी 4 से 5 जुलाई के बीच अर्जेंटीना के दौरे पर होंगे। लैटिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना के साथ भारत के कूटनीतिक संबंधों के साथ व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग लगातार बढ़ रहा है। वहां भारतीय मूल के सिंधी और पंजाबी बसे हुए हैं। ये लोग 1980 के दशक से वहां जा कर बसने लगे थे। अर्जेंटीना यात्रा का मुख्य उद्देश्य रणनीतिक, आर्थिक भागीदारी, जलवायु परिवर्तन और तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाना है। इस देश के पास लिथियम का भंडार है। बता दें कि 1968 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना यात्रा हो रही है। इससे पहले भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1968 में अर्जेंटीना गई थीं।
ब्राजील कब जाएंगे पीएम मोदी
इसके बाद 5 से 7 जुलाई के बीच प्रधानमंत्री ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में होंगे। इस यात्रा का दूसरा हिस्सा ब्राजील के ब्रेसिलिया में 7 से 8 जुलाई के बीच होगा। ब्राजील प्रधानमंत्री ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए है। इस बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता ब्राजील कर रहा है और अगले साल यह मौका भारत के पास होगा, जब ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत के पास होगी। मोदी ब्रिक्स में हिस्सा लेने के साथ-साथ ब्राजील का निजी दौरा भी करेंगे। बता दें कि भारत के बाद ब्राजील को जी -20 की अध्यक्षता मिली है। ब्राजील ने 2023 में भारत में हुए जी -20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था और मोदी पिछले साल नवंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन में गए थे। वैसे 2023 से लेकर अब तक पीएम मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इंसियो लूला दा सिल्वा दो साल में चार बार मिल चुके हैं। दोनों देशों के बीच 2024 से 25 के बीच में 12.20 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ था। बता दें कि भारत और ब्राजील का संबंध 77 वर्ष पुराना है। रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, जैव ईंधन, तेल और गैस, कृषि खाद्य प्रसंस्करण पशुपालन, स्वास्थ्य और आयुर्वेद, तकनीकी, सहयोग सांस्कृतिक आदान प्रदान गहरा और व्यापक है। इसी वर्ष भारत ने ब्राजील के वेदांताचार्य जोनास मसेती को पद्मश्री से सम्मानित भी किया है ।
9 जुलाई को नामीबिया जाएंगे पीएम मोदी
9 जुलाई को प्रधानमंत्री अफ्रीकी देश नामीबिया जाएंगे। दक्षिण अफ्रीका के देश नामीबिया में भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 1998 में गए थे, उसके बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री नामीबिया नहीं गया। 27 साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली नामीबिया यात्रा होगी। नामीबिया की चर्चा सितंबर 2022 में भारत में खूब हुई थी, क्योंकि तब 8 चीते नामीबिया से भारत लाए गए थे, जिन्हें कूनो राष्ट्रीय उद्यान में ला कर रखा गया था। वन्यजीव संरक्षण में दोनों देशों की भागीदारी है। इसके अलावा नामीबिया में महत्वपूर्ण खनिजों का भंडार है। खनन में भारत नामीबिया की पूरी मदद कर रहा है। भारत नामीबिया को डिजिटल प्रशिक्षण भी देगा ।