भाषा विवाद के बीच गृह मंत्री Amit Shah का बड़ा बयान, कही ये बात

Language Conflict in India: IAS अधिकारी आशुतोष अग्निहोत्री की पुस्तक ‘मैं बूंद स्वयं, खुद सागर हूं’ के विमोचन के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय भाषाओं की तारीफ करते हुए कहा कि ‘देश में एक ऐसा समाज बनेगा जहां अंग्रेजी बोलने वाले लोगों को शर्म आएगी।
भाषा के संरक्षण पर बल
शाह ने कहा, “इस देश में अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म आएगी। ऐसा समाज बनने में अब ज्यादा समय नहीं है। हमारी भाषाएं हमारी संस्कृति के रत्न हैं, और इनके बिना हम सच्चे भारतीय नहीं हो सकते।” उन्होंने भारतीय भाषाओं को राष्ट्र की पहचान और आत्मा का आधार बताते हुए इनके संरक्षण और प्रचार पर बल दिया।
2047 तक शिखर पर भारत
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अमृत काल’ के लिए पंच प्रण की नींव रखी है, जिसमें अपनी विरासत पर गर्व करना और गुलामी के हर निशान से मुक्ति शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2047 तक भारत शिखर पर होगा, और इसमें हमारी भाषाओं की अहम भूमिका होगी।
प्रशिक्षण में बदलाव की जरुरत
शाह ने प्रशासनिक अधिकारियों के प्रशिक्षण में बदलाव की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं को प्रशासन में अधिक महत्व देना चाहिए ताकि देश की सांस्कृतिक विरासत को मजबूती मिले। इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी व्यापक चर्चा शुरू कर दी है। कुछ लोगों ने इसे भारतीय भाषाओं के प्रति गर्व का प्रतीक बताया, जबकि कुछ ने इसे भाषाई विवाद के रूप में देखा।
विवादों में बयान
यह बयान कुछ हलकों में विवादास्पद भी हो सकता है, क्योंकि अंग्रेजी देश में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली भाषा है, खासकर शहरी क्षेत्रों और पेशेवर माहौल में। इस बयान पर विपक्ष की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इस पर बहस की संभावना है।