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ED की जांच के घेरे में आए हरभजन और युवराज, ये है पूरा मामला

अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह और युवराज सिंह से पूछताछ की है।

अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स (illegal betting app) की जांच की आंच पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan) और ऑल राउंडर युवराज सिंह (Yuvraj) तक आ गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने हरभजन, युवराज, सुरेश रैना और उर्वशी रौतेला द्वारा किए गए विज्ञापनों को जांच के दायरे में शामिल किया है।

सेरोगेट नाम का करते थे इस्तेमाल

ED 1xBet जैसे प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म की जांच कर रही है। इस मामले में ED ने मशहूर हस्तियों से पूछताछ भी की थी। ईडी की जांच में पता चला है कि अवैध सट्टेबाजी ऐप सेरोगेट नाम का इस्तेमाल करते थे। वह वेब लिंक, QR कोड का इस्तेमाल कर रहे थे। लोग रिडायरेक्ट होकर अवैध सट्टेबाजी ऐप तक पहुंचते थे।

भारतीय कानून का कर रहे थे उल्लंघन

ED की जांच में पता चला है कि प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म खुद को गेम होस्ट करने वाले के रूप में रूप में पेश करते थे, लेकिन वह उन एल्गोरिदम का इस्तेमाल करते थे, जो मौजूदा भारतीय कानूनों के कहते जुआ संचालन के रूप में वर्गीकृत हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि अवैध सट्टेबाजी ऐप को चलाने के लिए आईटी अधिनियम, विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन अधिनियम, सख्त मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम का उल्लंघन किया गया है।

मीडिया से नहीं की बात

इस मामले में पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना, हरभजन सिंह, युवराज सिंह, एक्ट्रेस ऊर्वशी रौतेला और एक्टर सोनू सूद ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया है। ईडी ने कहा कि विज्ञापन चलाने के लिए कई मीडिया आउटलेट को भी 50 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया था।

लाखों लोगों को संकट में डाल रहे

शिकायतकर्त्ता ने कहा कि अवैध सट्टेबाजी ऐप में लाखों रुपए लगे हुए हैं। ये ऐप लाखों परिवारों को में संकट में डाल रहे हैं। इसका मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग पर बुरा असर पड़ रहा है। अवैध सट्टेबाजी ऐप मामले में फंसे एक्टर राणा दुग्गबाती के प्रवक्ता ने कहा कि इन ऑनलाइन गेम को सर्वोच्च न्यायालय ने जुए से अलग माना है, क्योंकि ये खेल कौशल पर आधारित हैं।

महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में गरमाई थी सियासत

2023 और 2024 के बीच महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप को लेकर सियासत गरमा गई थी। इस मामले में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल का नाम भी जुड़ गया था। कई नौकरशाह भी इस जांच के घेरे में आए थे। कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया।

बताया जाता है कि अकेले महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में अवैध आय 6000 करोड़ रुपए से अधिक है। विशेषज्ञों की राय में
भारत में अवैध सट्टेबाजी ऐप का कारोबार 100 अरब डॉलर से अधिक का है। जांच एजेंसियों द्वारा नकेल कसने के बावजूद भी यह 30 फीसदी की दर से आगे बढ़ रहा है। 11 करोड़ लोग इन ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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