Global Fatty Liver day 2025: पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को खतरा, जानिए क्या हैं लक्षण, कैसे हो बचाव

Global Fatty Liver day 2025: नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।लंबे समय तक बैठकर काम करने और असंतुलित खानपान से लोगों में यह बीमारी बढ़ रही है। इसे लेकर सरकार की ओर से पूरे प्रदेश में एक साथ 12,264 स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है।
Global Fatty Liver day 2025: हम अक्सर कहीं न कहीं सुनते और पढ़ते रहते हैं, ”Health is Wealth, स्वास्थ्य ही धन है” मगर अपने जीवन में हम इसे व्यावहार में नहीं ला पाते हैं। बदलते दिनचर्या और खान-पान की बजह से धीरे-धीरे लोग ऐसी कितनी ही बीमारियों का शिकार हो रहें हैं, जो आसानी से सामने नहीं आते। लेकिन एक साइलेंट किलर की तरह भीतर ही भीतर हमारे शरीर को खराब करते रहते हैं और एक दिन अचानक हमें पता चलता है कि हम बहुत ज्यादा बीमार हो गए हैं। ऐसी ही एक बीमारी है फैटी लिवर जो इन दिनों लोगों में लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण है अनहेल्दी लाइफ स्टाइल।
फैटी लिवर की समस्या लोगों में बढ़ती नजर आ रही है। एक जांच की रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े चौकाने वाले हैं। मध्य प्रदेश में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (Non-alcoholic fatty liver disease) एक नई और तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य चुनौती बनकर उभरी है। राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे स्वस्थ यकृत मिशन के तहत अब तक 7 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जिसके आंकड़े भयानक हैं।
स्क्रीनिंग में सामने आए आंकड़े बताते हैं कि 7 लाख में करीब 20 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिलाएं रेड जोन में हैं, यानी उनके लिवर में फैट जमा होने की स्थिति बन चुकी है।
फैटी लिवर सिर्फ बीमारी नहीं, बीमारियों का घर
विशेषज्ञों के अनुसार, फैटी लिवर एक साइलेंट किलर है जो शुरुआती चरण में बिना किसी लक्षण के होता है। यदि समय रहते इसका पता न चले, तो यह लिवर सिरोसिस, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, हाई बीपी और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। ऐसी खतरनाक बीमारियां सिर्फ और सिर्फ एक अस्वस्थ जीवन शैली का नतिजा है।
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के लक्षण
शुरूआती दौर में इस बीमारी के कोई विशेष लक्षण नजर नहीं आते हैं। जिस कारण यह आसानी से सामने नहीं आ पाता है। इसके लक्षण बहुत ही साधारण से होते हैं जिस कारण लोग इसे अनदेखा कर देते हैं और यह बाद में भयानक रोगों का कारण बनता है। यदि आपको अपने शरीर में ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत अपनी जांच करवाए।
- थकान- बिना ज्यादा काम किए भी शरीर थका-थका लगने लगता है
- पेट के ऊपरी दाएं हिस्से (यह लिवर का स्थान होता है) में भारीपन या हल्का दर्द
- वजन बढ़ना या मौटापा- शरीर का वजन बढ़ना खास कर पेट के आस-पास चर्बी जमा होना
- भूख कम लगना
- त्वचा या आंखों का पीला पड़ना ( बहुत गंभीर अवस्था में )
- पेट फूलना या गैस की समस्या होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- त्वचा पर खुजली या चकत्ते होना ( जब लिवर ठीक से शरीर से विषाक्त पदार्थ न निकाल पाए)
क्या है इलाज
इस बीमारी का काई निश्चित इलाज नहीं है, क्योंकि यह कई कारणों से होता है। हालांकि लाइफ स्टाइल में बदलाव करके इससे और इसकी वजह से होने वाले गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
- वजन कम करके- यदि कोई भी इंसान जिसे यह समस्या है वह 5 से 10 प्रतिशत तक अपना वजन कम कर लें, तो फैटी लिवर से छूटकारा मिल जाएगा।
- खान-पान में बदलाव- खान पान पर नियंत्रण और बदलाव से इसपर काफी असर होता है। खाने में हरी सब्जियां, फल, हलका दलिया आदि खाएं। साथ ही ज्यादा तेल वसा वाला तला भूना खाने से परहेज करें।
- योग और प्राणायाम- कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भुजंगासन, मंडूकासन आदि आसनों और योग भी लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार होता है ।
- डॉक्टरों से सलाह लेकर कुछ विटामिनों का सेवन कर सकते हैं।
- धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करके फैटी लिवर की शिकायत कम की जा सकती है।
सरकार की ओर से विशेष अभियान
इसी खतरे को देखते हुए ग्लोबल फैटी लिवर डे (Global Fatty Liver Day) के अवसर पर गुरुवार को पूरे प्रदेश में एक साथ 12,264 स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें जनप्रतिनिधियों, डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और आम लोगों की कमर की माप, गर्दन की त्वचा और बीएमआइ जांच की जाएगी। विशेष अभियान में 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की जांच की जा रही है। यदि किसी में लक्षण पाए जाते हैं, तो उसे आगे की जांच और उपचार के लिए रेफर किया जा रहा है।
बैठकर काम करने वालों में यह बीमारी ज्यादा
इस भयानक बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग की एमडी डॉ. सलोनी सिडाना का कहना है कि यह बीमारी उन लोगों में तेजी से फैल रही है, जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं और जिनका खानपान असंतुलित है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस मिशन का मकसद सिर्फ मरीजों की पहचान नहीं, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है।
फैटी लिवर की पहचान में देरी होने पर स्थिति गंभीर हो जाती है। इसके लिए एम्स भोपाल में फाइब्रोस्कैन मशीन लगाई गई है जो लिवर की स्थिति की सटीक जानकारी देती है। फैटी लिवर का शक होने पर लोगों को जल्द से जल्द अपनी जांच करवानी जाहिए। साथ ही डॉक्टरों की सलाह के अनुसार दवाई और खानपान के साथ कसरत आदि से अपने शरीर को फीट रखने की कोशिश करनी चाहिए।