Indian Railway: गर्मी की छुट्टियां और ट्रेनों में लंबी वेटिंग… यात्रियों का उत्साह ठंडा

Indian Railway in Summer Vacation: रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए समर स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, फिर भी भीड़ का दबाव कम नहीं हो पा रहा है। पर्यटन और छुट्टियों का मौसम होने की वजह से ज्यादातर लोगों ने पहले से ही रिजर्वेशन करा लिया है, जिससे अब तत्काल और सामान्य कोटे की टिकटों में भारी वेटिंग देखने को मिल रही है।
(Indian Railway in Summer Vacation): समर वेकेशन शुरू होते ही लोगों ने घूमने-फिरने की योजना बना ली है, लेकिन ट्रेन में कंफर्म टिकट न मिलने की समस्या ने उनका सारा उत्साह ठंडा कर दिया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से जम्मू, चंडीगढ़, देहरादून, कुल्लू-मनाली जैसे पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग की लाइन 50 से 100 तक जा पहुंची है। कई ट्रेनों में तो स्लीपर, थर्ड एसी और सेकंड एसी में एक भी सीट उपलब्ध नहीं है। ग्वालियर से जम्मू की ओर जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ है। 15 जून तक मालवा एक्सप्रेस में कोई सीट नहीं है।
जम्मू मेल में 20 जून तक स्लीपर क्लास में 40 से अधिक वेटिंग चल रही है। वहीं हिमसागर और झेलम एक्सप्रेस में भी 15 जून तक एक भी सीट खाली नहीं है। चंडीगढ़ रूट पर भी यही हाल l कुल्लू-मनाली घूमने वालों के लिए ग्वालियर से चंडीगढ़ तक जाने वाली ट्रेनों में भी वेटिंग की मारामारी है। इनमें कालका एक्सप्रेस, अंब अंदौरा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, चंडीगढ़ सुपरफास्ट एक्सप्रेस व ऊना हिमाचल एक्सप्रेस में भी वेटिंग लंबी हैं। ऐसे में हिमाचल जाने का प्लान करने वाले लोगों को परेशानी हो रही है।
हरिद्वार ऋषिकेश के लिए नहीं मिल रही सीट
ग्वालियर से हरिद्वार ऋषिकेश के लिए वर्तमान में पांच ट्रेन हैं। इनमें एक समर स्पेशल है और उज्जैयनी एक्सप्रेस, कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस, योगनगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस व योग नगरी ऋषिकेश स्पेशल ट्रेन हैं। लेकिन इन ट्रेनों में भी सीटों के लिए मारामारी चल रही है।
लोग तत्काल में रिजर्वेशन कराने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन वह भी संभव नहीं हो पा रहा है। यात्रा की योजनाएं हो रहीं प्रभावित l जिन लोगों ने पहले से आरक्षण नहीं कराया, उनकी यात्रा की योजनाएं रद होने की कगार पर हैं।
ट्रेनों में सीटों की भारी कमी और वेटिंग की लंबी कतार ने समर वेकेशन की तैयारियों पर ब्रेक लगा दिया है। हालांकि कुछ लोगों ने ट्रेनों में वेटिंग को देखते हुए अपने ट्रेवल प्लान बदले हैं। अब लोग निजी वाहनों या टैक्सी आदि से हिमाचल व उत्तराखंड जा रहे हैं।