शराब घोटाले की ED द्वारा की जा रही जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ के तथाकथित शराब घोटाले की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ में मंगलवार को सिद्धार्थ सिंघानिया, और अनिल टुटेजा-यश टुटेजा की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिका कर्ताओं को बड़ी राहत देते हुए ईडी की आगे की जांच पर रोक लगा दी है। इस पूरे मामले में शराब कारोबारियों के अलावा अफसरों को भी आरोपी बनाया गया है।

सरकार ने ED पर लगाया है ये आरोप

पिछली सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने आरोप लगाया था कि, जांच एजेंसी परेशान कर रही है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राज्य में कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है।

राज्य सरकार ने पीठ के समक्ष आरोप लगाया कि, राज्य आबकारी विभाग के कई अधिकारियों ने शिकायत की है कि, ED उन्हें और उनके परिवार को धमकी दे रही है और उन्हें गिरफ्तारी का भय दिखाया जा रहा है।

सरकार ने दावा किया कि, अधिकारियों ने कहा है कि, वे विभाग में काम नहीं करेंगे। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि ED के अफसर राज्य के आबकारी अधिकारियों को धमका रहे हैं। यह चौंकाने वाली स्थिति है, अब चुनाव आ रहे हैं और इसलिए ऐसा किया जा रहा है।

चार्जशीट पेश कर चुकी है ED

प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले का दावा किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले पर पखवाड़े भर पहले 4 जुलाई को चार्जशीट पेश किया है। ED ने 5 आरोपियों के खिलाफ रायपुर में स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में करीब 16 हजार पन्नों का चार्जशीट पेश किया है। इस मामले में अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, पप्पू ढिल्लन, अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी को आरोपी बनाया गया है।

About The Author

© Copyrights 2024. All Rights Reserved by : Eglobalnews