Basant Panchami Amrit Snan : महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान है जारी, सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से की ये खास अपील

Maha Kumbh 2025

Basant Panchami Amrit Snan : महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान आज प्रयागराज में शुरू हो चुका है। करोड़ों की संख्या में भक्त आज महाकुंभ में डुबकी लगाएंगे।

 

Basant Panchami Amrit Snan : महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान आज शुरू हो चुका है। आज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पंचमी तिथि रहेगी, इसीलिए अंतिम अमृत स्नान को बसंत पंचमी का अमृत स्नान भी कहा जा रहा है। आज के दिन नागा साधुओं के अखाड़े सबसे पहले स्नान करेंगे। इसके बाद नागा साधुओं के दल महाकुंभ से अपने अखाड़ों की ओर वापस लौट जाएंगे। नागा साधुओं के साथ ही करोडों की संख्या में आज भक्त भी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे।

सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से की अपील

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। उन्होंने प्रयागराज आने वाले भक्तों से शांतिपूर्ण तरीके से स्नान करने को कहा। साथ ही अधिकारियों को उन्होंने सख्त हिदायत दी है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पंच दिगंबर अनी अखाड़े की शोभा यात्रा त्रिवेणी संगम के लिए रवाना

पंच दिगंबर अनी अखाड़े की भव्य शोभा यात्रा त्रिवेणी संगम के लिए रवाना। देखें वीडियो।

अमेरिका के रहने वाले संत ने महाकुंभ को लेकर क्या कहा?

निर्मोही अनी अखाड़े के त्रिवेणी दास महाराज (मूल रूप से फ्लोरिडा, अमेरिका से) कहते हैं, “हवा में ऊर्जा महसूस की जा सकती है। इसमें दिव्यता की बिजली है। यह विशेष स्नान देवी, दिव्य मां, विशेष रूप से सरस्वती की ऊर्जा पर केंद्रित। हम सभी गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में इस डुबकी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं,हम हवा में ऊर्जा और शक्ति महसूस कर सकते हैं।”

निर्मोही अनी अखाड़े के विदेशी मूल के आचार्य ने क्या कहा

निर्मोही अनी अखाड़े के आचार्य दयानंद दास महाराज ने कहा, “हम निर्मोही अखाड़े में हैं, जहाँ हमारे सभी ‘शिष्य’ साधना के लिए आए हैं, अपनी आध्यात्मिक साधना के लिए, गंगा में पवित्र डुबकी लगाने के लिए तैयार हैं… हम सभी, मानवता के परिवार, आत्मा को परमात्मा से मिलाने के लिए अपनी चेतना को बढ़ाएँगे, ताकि धर्म और मानवता के अनुसार जीवन जी सकें। हम गंगा में इस डुबकी के लिए बहुत उत्साहित और तैयार हैं…”

जापान की रहने वाली महामंडलेश्वर राजेश्वरी मां ने महाकुंभ को लेकर क्या कहा

निर्मोही अनी अखाड़े की महामंडलेश्वर राजेश्वरी मां ने कहा, “मैं जापान से हूं और हमारे अखाड़े के साथ अमृत स्नान के लिए यहां आना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है… स्नान के बाद हम यहां रुकेंगे और अपने छात्रों के साथ साधना करेंगे तथा सनातन धर्म को जापान और पूरी दुनिया में वापस लाएंगे।”

निर्मोही अनी अखाड़े के स्वामी अवधेश कुमार दास ने रखी अपनी बात

निर्मोही अनी अखाड़े के स्वामी अवधेश कुमार दास कहते हैं, “हमारी सनातन परंपराएं ऐतिहासिक हैं। दुनियाभर से तमाम वैष्णव यहां तीर्थराज प्रयाग में आते हैं। निर्मोही अनी अखाड़े के हम सभी लोग अपने गुरुओं और संतों के साथ यहां एकत्रित हुए हैं। आज महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान है, मैं अपनी आस्था के इस पावन पर्व पर सभी को बधाई देता हूं।”

बसंत पंचमी के अमृत स्नान के दिन अखाड़ों की भव्य झांकी

बसंत पंचमी के पावन पर्व के दिन आखिरी’अमृत स्नान’ के दौरान अखाड़ों ने त्रिवेणी घाट पर निकाली भव्य झांकी।

 

अब तक इतने श्रद्धालु कर चुके हैं अमृत स्नान

उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, आज सुबह 8 बजे तक 62.25 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। 2 फरवरी तक 34.97 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।

 

अमृत स्नान के दिन उज्जैन में हुई खास आरती

प्रयागराज में जहां महाकुंभ का स्नान किया जा रहा है। वहीं इस दौरान उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल की भस्म आरती की गई। देखें वीडियो।

 

महाकुंभ के अमृत स्नान के दिन हरिद्वार में गंगा आरती | देखें वीडियो

प्रयागराज में महाकुंभ का अमृत स्नान जारी है। इस दौरान हरिद्वार में भी पावन गंगा तट पर मां गंगा की आरती की गई। साथ ही श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में भी पवित्र डुबकी लगाई।

संगम घाट पर महिला श्रद्धालु ने बजाया शंख | वीडियो

बसंत पंचमी के अवसर पर अमृत स्नान के लिए एकत्रित संतों और श्रद्धालुओं के बीच संगम घाट पर शंख बजाती एक महिला श्रद्धालु।

 

व्यवस्था को लेकर डीआईजी वैभव कृष्ण ने क्या कहा?

महाकुंभ के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा, “व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं और आज भीड़ नियंत्रण के हमारे उपाय भी अच्छे हैं। सभी अखाड़ों का स्नान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। महानिर्वाणी अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा और जूना अखाड़ा ने सफलतापूर्वक अपना स्नान कर लिया है और अन्य अखाड़े भी सफलतापूर्वक स्नान में हिस्सा लेंगे।”

श्रद्धालु कर रहे पवित्र स्नान

बसंत पंचमी के आखिरी अमृत स्नान के मद्देनजर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। बता दें कि 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 2025 26 फरवरी तक चलेगा।

आखिरी अमृत स्नान को लेकर नागा साधु ने क्या कहा सुने

महाकुंभ के आखिरी अमृत स्नान को लेकर नागा साधु ने कहा, “आज की व्यवस्था पिछले दो अमृत स्नानों से बेहतर थी… आज का स्नान हम साधुओं के लिए सबसे बड़ा स्नान था।”

विदेशी महिला ने सुनाया हनुमान चालीसा

महाकुंभ के  संगम तट पर एक विदेशी महिला ने हनुमान चालीसा का पाठ किया है। बसंत पंचमी के अवसर पर अमृत स्नान के लिए त्रिवेणी संगम की ओर जाते हुए विदेशी भक्त ‘हनुमान चालीसा’ गाते हुए आप भी सुनें।

बसंत पंचमी के दिन सूर्य को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जप करना बेहद शुभ

बसंत पंचमी के अमृत स्नान के दिन नहाने के बाद सूर्य को अर्घ्य देते समय ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः’ मंत्र का 108 बार जप करना भक्तों के लिए बेहद शुभ साबित हो सकता है। इस मंत्र का जप करने से रोग, भय से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही यह मंत्र आपका आत्मविश्वास बढ़ाता है,  आत्मिक और शारीरिक रूप से आपको सशक्त बनाता है।

आध्यात्मिक नेता स्वामी कैलाशानंद गिरि ने तीसरे अमृत स्नान के लिए जुलूस का नेतृत्व किया

आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान के लिए जुलूस का नेतृत्व करते हुए।

बसंत पंचमी के दिन स्नान के साथ ही इन चीजों का दान भी है शुभ

बसंत पंचमी का दिन माता सरस्वती को समर्पित है। मां सरस्वती ज्ञान की देवी हैं, ऐसे में शिक्षा से जुड़ी चीजों का दान करना इस दिन बेहद शुभ माना जाता है। जरूरतमंद विद्यार्थियों को किताबें, कलम आदि शिक्षा से संबंधित सामग्रियां आप दान कर सकते हैं। इसके साथ ही पीले रंग के भोज्य पदार्थ, पीले रंग के कपड़े आदि भी इस दिन आप दान दे सकते हैं।

पिछले 17 वर्षों से सनातन धर्म का पालन: महानिर्वाणी अखाड़े से मीनाक्षी गिरी

रूस की रहने वाली महानिर्वाणी अखाड़ा की मीनाक्षी गिरि ने कहा, “यह मेरे जीवन का बहुत पवित्र क्षण है। मैं पिछले 17 वर्षों से सनातन धर्म का पालन कर रही हूं।”

जूना अखाड़े के संत अमृत स्नान के लिए निकल रहे हैं

सभी नागा अखाड़ों में सबसे बड़ा जूना अखाड़ा के संत अमृत स्नान के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

बसंत पंचमी पर अमृत स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम पहुंच रहे हैं

बसंत पंचमी के अवसर पर अमृत स्नान के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाट पर पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, अभी तक 16.58 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई है।

बसंत पंचमी के अमृत स्नान के दिन अदृश्य साधु भी आते हैं डुबकी लगाने

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के अमृत स्नान के दिन न केवल नागा साधु-संत बल्कि अदृश्य साधु और पवित्र आत्माएं भी महाकुंभ में डुबकी लगाने आती हैं। इस दिन डुबकी लगाने से पाप मिटते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।

बसंत पंचमी अमृत स्नान के महत्व को लेकर बोले संत

पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के एक संत ने बसंत पंचमी अमृत स्नान के महत्व पर बात की और व्यवस्थाओं के लिए प्रशासन की प्रशंसा की।

 

सनातनी आज माता सरस्वती की पूजा करेंगे: स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर एवं निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज ने कहा, “बसंत पंचमी का पावन पर्व आज मनाया जा रहा है। सभी सनातनी आज मां सरस्वती की पूजा करेंगे। अमृत वर्षा के शाही स्नान की तैयारियां चल रही हैं। हम अब संगम की ओर बढ़ेंगे। शाही मार्ग को अखाड़ों के लिए खाली रखा गया है। फिलहाल सिर्फ अखाड़े ही पवित्र स्नान करेंगे। सरकार इस परंपरा को तभी समझ सकती है, जब सरकार में कोई ऐसा व्यक्ति हो जो ‘धर्म’ को समझता हो और इसे समझने के लिए योगी जी (आदित्यनाथ) से बेहतर कोई नहीं है।”

श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साधु अमृत स्नान के लिए त्रिवेणी संगम पहुंचे

श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ‘बसंत पंचमी’ के पावन अवसर पर ‘अमृत स्नान’ के लिए त्रिवेणी संगम पर पहुंचे।

महंत रवींद्र पुरी ने श्रद्धालुओं से की अपील

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “आज बसंत पंचमी के अवसर पर अंतिम अमृत स्नान है। अमृत स्नान के बाद हम वाराणसी के लिए रवाना होंगे, हमें स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया गया है, मैं सभी श्रद्धालुओं से आग्रह करता हूं कि वे अनावश्यक रूप से संगम घाट पर न आएं।”

अपने इष्टदेव के साथ अमृत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं अखाड़े

बसंत पंचमी के पावन अवसर पर पवित्र अमृत स्नान के लिए अखाड़े अपने इष्ट देवता को लेकर त्रिवेणी संगम की ओर बढ़ रहे हैं। नागा साधुओं के नेतृत्व में यह भव्य जुलूस महाकुंभ 2025 में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक क्षण का प्रतीक है।

बसंत पंचमी के अमृत स्नान का महत्व

बसंत पंचमी का दिन ज्ञान और विद्या की देवी माता सरस्वती को समर्पित है। इस दिन अमृत स्नान से भक्तों को ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु और शिवजी का आशीर्वाद भी भक्तों को प्राप्त होता है।

अखाड़ों का अमृत स्नान शुरू

महाकुंभ में बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए महानिर्वाणी अखाड़ा संगम स्थल पहुंच चुका है। वहीं निरंजनी और आनंद अखाड़े के साधु अपने शिविर से अमृत स्नान करने के लिए निकल चुके हैं। बसंत पंचमी के दिन सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा अमृत स्नान करेगा।

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Happy Basant Panchami