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IED Blast Chhattisgarh: नारायणपुर में IED की चपेट में आकर DRG के दो जवान घायल

IED Blast :

IED Blast Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर‍ जिले में नक्सल सर्चिंग के लिए कच्चापाल–तोके मार्ग पर निकली डीआरजी के दो जवान आईईडी की चपेट में आ गए। घटना में उन्हें चोट आई है, जिसके बाद दोनों को नारायणपुर में प्राथमिक इलाज के बाद रायपुर रेफर कर दिया गया है।

नारायणपुर(IED Blast Chhattisgarh)। नारायणपुर जिले के कोहकामेटा थाना क्षेत्र के कच्चापाल कैंप से तीन किमी दूर नक्सलियों के लगाए हुए प्रेशर आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट की चपेट में आकर डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) बल के दो जवान–आरक्षक जनक पटेल व आरक्षक घासीराम मांझी घायल हो गए हैं।

प्राथमिक उपचार पश्चात दोनों जवानों को जिला अस्पताल नारायणपुर लाया गया। दोनों जवानों की स्थिति खतरे से बाहर है। इसके बाद इन्हें रायपुर रेफर किया गया है। जहां एक प्राइवेट अस्पताल में घायल जवानों का इलाज किया जा रहा है।

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की सुबह पुलिस कैम्प कच्चापाल से डीआरजी व बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवान नक्सल सर्चिंग के लिए कच्चापाल–तोके मार्ग में रवाना हुए थे। सुबह लगभग साढ़े आठ बजे ग्राम कच्चापाल से तीन किमी पश्चिम दिशा में यह घटना हुई है।

इधर… आईईडी धमाके में मादा भालू की मौत, भूख से तड़पकर दो शावकों की भी मौत
दंतेवाड़ा के बारसुर थाना क्षेत्र के कौशलनार के जंगलों में नक्सलियों के बिछाए गए प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से मादा भालू की मौत हो गई। भूख से तड़पकर भालू के दो शावकों की भी मौत हो गई। दोनों बच्चे मृत हालत में मादा भालू के शव पर पड़े मिले।

दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना क्षेत्र के कोसलनार के जंगल में मंगलवार को यह घटना हुई है। नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रेशर आईईडी लगाया था, जिसकी चपेट में आने से मादा भालू की मौत हो गई।

अगले दिन भालू के दोनों बच्चे मृत हालत में मादा भालू के शव के ऊपर पड़े मिले। यह मार्मिक दृश्य ग्रामीणों ने देखा। दो दिन पहले भी कोसलनार निवासी एक ग्रामीण युवक की मौत भी इसी तरह आइईडी विस्फोट की चपेट में आने से हो चुकी है।

नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिला का यह सीमावर्ती क्षेत्र अबूझमाड़ में आता है। इस वर्ष अबूझमाड़ में सुरक्षा बल ने 130 से अधिक नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। नक्सलियों को पहुंचे नुकसान के बाद अब जवानों को नुकसान पहुंचाने प्रेशर आईईडी का सहारा ले रहे हैं।

अब तक हुए हैं सैकड़ों धमाके
नक्सलियों ने दक्षिण-पश्चिम बस्तर में ऐसी हजारों प्रेशर आईईडी जवानों के पैदल निकलने के संभावित रास्तों पर बिछा रखा है, जिनमें हुए विस्फोट के शिकार सिर्फ जवान ही नहीं, बल्कि अब तक कई ग्रामीण और बेजुबान मवेशी भी जान गंवा चुके हैं या अपंग हो गए हैं। बीते पांच वर्ष में ऐसे विस्फोट की 250 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं।

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