महाराष्ट्र: वक्फ बोर्ड ने किसानों की 300 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर ठोका दावा, मुश्किल में 103 किसान
Maharashtra Wakf Board Land Dispute: महाराष्ट्र के लातूर जिले में वक्फ बोर्ड और किसानों के बीच जमीन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। वक्फ बोर्ड ने 103 किसानों के 300 एकड़ जमीन पर दावा ठोक दिया है। जानें पूरा मामला।
Maharashtra Wakf Board Land Dispute: महाराष्ट्र के लातूर जिले में वक्फ बोर्ड और किसानों के बीच जमीन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। वक्फ बोर्ड ने 300 एकड़ जमीन पर दावा ठोका है। 103 किसानों को नोटिस जारी होने के बाद मामला तूल पकड़ रहा है। किसान इस जमीन को अपनी पुश्तैनी संपत्ति बता रहे हैं। इस विवाद ने जमीन के स्वामित्व और वक्फ संपत्ति के प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
किसान पीढ़ियों से जमीन पर कर रहे खेती
किसानों का कहना है कि वे इस जमीन पर पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं। तुकाराम कनवटे ने कहा कि यह जमीन उनकी विरासत है और वक्फ संपत्ति नहीं है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से न्याय की गुहार लगाई। अदालत में इस मामले की दो सुनवाई हो चुकी हैं, और अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होनी है। किसानों का दावा है कि वक्फ बोर्ड उनकी संपत्ति पर गलत दावा कर रहा है।
क्या होता है वक्फ बोर्ड?
वक्फ बोर्ड इस्लामी धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए दान दी गई चल और अचल संपत्तियों की देखरेख और प्रबंधन करता है। वक्फ का मतलब ऐसी जायदाद से है, जिसे जनकल्याण के लिए समर्पित किया गया हो। आम तौर पर इस्लाम धर्म को मानने वाले अपनी जो भी संपत्तियां दान करते हैं, चाहे रुपए पैसे हो या फिर जमीन या मकान, इन सभी की देरखेख वक्फ बोर्ड करता है। वक्फ बोर्ड इसे जायदाद बताता है।
लोकसभा में पेश हुआ था वक्फ विधेयक
8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया गया था। इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज को सुव्यवस्थित करना है। विवाद से जुड़े लोग इसे इस विधेयक से जोड़कर देख रहे हैं। वक्फ संपत्ति का प्रबंधन और इसके दावों की पारदर्शिता पर बहस शुरू हो गई है। विपक्षी पार्टियां इस विधेयक का विरोध कर रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इस विधेयक के आने के बाद वक्फ बोर्ड का अपनी संपत्तियों पर पहले जितना अधिकार नहीं रह जाएगा।
क्या कहता है महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड
महाराष्ट्र राज्य वक्फ अधिकरण ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। वक्फ बोर्ड का कहना है कि यह संपत्ति उनके दायरे में आती है। किसानों और वक्फ बोर्ड के बीच यह कानूनी लड़ाई अब बड़े सवाल खड़े कर रही है। सभी की निगाहें 20 दिसंबर की सुनवाई पर टिकी हैं। कोर्ट के दिशा निर्देशों से ही यह तय हो पाएगा कि 103 किसों का जमीन पर स्वामित्व बरकरार रह पाता है या नहीं।

