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Thief Gang in Raipur: ठंड में रायपुर में बाहरी चोर गिरोह सक्रिय, छह से ज्यादा गिरोह करते हैं वारदात

Thief Gang in Raipur: रायपुर में ठंड बढ़ते ही बाहरी चोर गिरोह सक्रिय हो गए हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, बंगाल, हरियाणा, नेपाल और बांग्लादेश के ये गिरोह केवल सर्दियों में वारदात करते हैं। पुलिस ने अलर्ट जारी कर मकान मालिकों से सतर्क रहने और जरूरी सूचना पड़ोसियों या थाने को देने की अपील की है।

Thief Gang in Raipur: रायपुर। राजधानी में जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है चोरी-डकैती करने वाले गिरोह भी सक्रिय हो जाते हैं। इसमें उप्र, बिहार, ओडिशा, बंगाल, हरियाणा से लेकर बांग्लादेशी गिरोह भी शामिल हैं। नेपाल का गिरोह भी रायपुर में कई वारदात कर चुका है। इन्हीं गिरोहों में शामिल बांग्लादेश गिरोह हर साल वारदात कर चुका है। इससे पहले पुलिस ने कईयों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक ऐसे छह से ज्यादा खतरनाक गिरोह हैं, जो केवल ठंड के सीजन में ही आते हैं। ये इतने खतरनाक होते हैं कि घटना के दौरान हत्या करने से भी नहीं चूकते हैं। रायपुर पुलिस ने इन गिरोहों को लेकर अलर्ट जारी किया है। पुलिसवालों ने मकानों को सूना छोड़कर जाने वालों से अपील की है कि वे पड़ोसी और रिश्तेदारों को बाहर जाने की सूचना जरूर दें। जरूरत पड़े तो थाने को भी बताएं।

बांग्लादेशी गिरोह
इस गिरोह में पश्चिम बंगाल के 24 परगना में रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठिए शामिल हैं। इसमें महिलाएं भी होती हैं। यह गिरोह पहले मकान किराए पर लेता है। फिर फेरी करके रेकी करता है। घटना को अंजाम देने के बाद बंगाल भाग जाते हैं। इस गिरोह ने रायपुर में पिछले वर्ष नवंबर में माना इलाके में चोरी की थी। पुलिस ने बंगाल की दो महिलाएं समेत तीन लोगों को पकड़ा है। चोरी में शामिल पुरुष सदस्य फरार हो गए।naidunia_image

चादर गिरोह
बिहार के मोतीहारी और घोड़ाहसन का गिरोह चादर की आड़ में चोरी करता है। यह गिरोह ट्रेन से आता है। स्टेशन के आस-पास ठहरता है। ये ज्यादातर मोबाइल, घड़ी और सराफा दुकानों को निशाना बनाते हैं। रात में दुकान बंद होने पर चादर ओढ़कर सो जाते हैं। फिर चादर के आड़ में शटर काटते हैं। इस गिरोह ने गुढ़ियारी में चोरी की थी। नेपाल बार्डर से इस गिरोह के चार नाबालिगों को पकड़ा गया था।

साहबगंज गैंग
झारखंड साहबगंज चोर गिरोह बस से आता है। शहर के आउटर में अपना ठिकाना बनाता है। गिरोह के सदस्य खिड़की के रास्ते या शटर तोड़कर चोरी करते हैं। चोरी के बाद तुरंत शहर छोड़ देते हैं। बस से भागना पसंद करते हैं। चोरी का माल नेपाल में खपाते हैं। इसमें पांच से ज्यादा युवक रहते हैं।

पत्थर गिरोह
मप्र-धार के जनजाति गिरोह को पत्थर गिरोह के नाम से जाना जाता है। यह गिरोह हमेशा पत्थर लेकर चलता है। वारदात के दौरान पत्थर से हमला करते हैं। आउटर की कालोनियों व मकानों को निशाना बनाते हैं। इस गिरोह ने पिछले वर्ष जनवरी-फरवरी में विधानसभा और धरसींवा थाना क्षेत्र में तीन बड़ी चोरी की है।

मेवात गिरोह
हरियाणा का मेवात गिरोह आउटर के मोबाइल दुकान और एटीएम में घटनाएं करते हैं। कटर लेकर चलते हैं। शटर काटकर चोरी करते हैं। एटीएम भी उखाड़कर ले जाते हैं। गिरोह में तीन से चार लोग होते हैं। ज्यादातर खुद की गाड़ी में आते हैं।

ओडिशा गिरोह
इसमें बलांगीर और गंजाम का गिरोह शामिल है। गिरोह के सदस्य रोजी-मजदूरी करने आते हैं। किराए पर मकान लेकर रेकी करते हैं। आधी रात को घटना को अंजाम देते हैं। मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं, ताकि पुलिस ट्रेस न कर सके।

अलर्ट जारी किया गया
बाहरी गिरोह को लेकर सभी थानों को अलर्ट जारी किया गया है। फोकस होकर जांच की जा रही है। आउटर में गश्त भी बढ़ाई गई है। रात में लोगों से पूछताछ भी की जा रही है। – लखन पटले, एएसपी सिटी

सगाई में गया था परिवार, चोरों ने बोला धावा
बोरियाखुर्द बिलाल नगर निवासी जावेद हुसैन ने टिकरापारा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। वह अक्टूबर को परिवार के साथ सगाई कार्यक्रम में शामिल होने मप्र ग्वालियर गए थे। 31 अक्टूबर को परिचित ने फोन कर चोरी की जानकारी दी। जब वह लौट कर आए तो देखा कि दरवाजा और आलमारी का लाकर टूटा हुआ था।

उसमें रखा एक सोने का हार, एक जोड़ी सोने का झुमका, एक सोने की नथ, दो सोने की अंगूठी, 10 चांदी का हसली सहित अन्य जेवर चोर चुरा ले गए। इनके अलावा टीवी भी चोरी कर ले गए। इसके अलावा प्रार्थी के भाई रवि हुसैन के घर में भी चोरी हुई है। आलमारी में रखे छह सोने की अंगूठी, दो सोने की चैन, एक सोने का मंगल सूत्र, एक सोने का हार सहित अन्य सामना अज्ञात चोर चोरी कर ले गए।

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