भारत में मंकीपॉक्स कितना खतरनाक है? अपने देश में दे चुका है दस्तक, सरकारें हुईं अलर्ट
Monkeypox Cases in India: दुनियाभर में तेजी से फैलने वाला खतरनाक वायरस मंकी पॉक्स भारत में दस्तक दे चुका है। सोमवार को एमपॉक्स का पहला मामला सामने आया। जानिए ये वायरस भारत के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है?
कोरोना जैसे खतरनाक वायरस को झेलने के बाद अब लोगों के मन में मंकीपॉक्स को लेकर दहशत बनी हुई है। मंकीपॉक्स वैसे कोई नई बीमारी नहीं है, लेकिन एमपॉक्स के क्लैड-1 को ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। जिसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। 9 सितंबर दिन सोमवार को भारत में एमपॉक्स यानि मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया, जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट पर है। हालांकि गनीमत ये है कि भारत एमपॉक्स का मामला क्लैड-1 से संबंधित नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ‘भारत में एमपॉक्स वायरस का एक अलग मामला सामने आया है। जो कि साल 2022 में जुलाई में आए 30 मामलों के जैसा ही है। ये अभी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का हिस्सा नहीं है जो एमपॉक्स के क्लैड-1 से जुड़ा है’
हालांकि सरकारें पूरी तरह से अलर्ट पर हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन में रखा गया है और लगातार उसकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। पीड़ित व्यक्ति एक युवा है और उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
भारत में मंकीपॉक्स कितना खतरनाक?
भारत में एमपॉक्स का जो मामला सामने आया है वो खतरनाक क्लैड-1 का मामला नहीं है, जिससे दुनियाभर में तेजी से मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसलिए ये राहत की बात है। फिलहाल ये एमपॉक्स का पहला मामला है जिसे लेकर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी की है। अधिकारियों से एमपॉक्स की रोकथाम और लोगों के बीच लक्षणों की जागरुकता फैलाने की अपील की गई है। सरकार का कहना है कि चिंता की कोई बात नहीं है ये मामला नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की देखरेख में है।
‘एमपॉक्स’ ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एमपॉक्स वायरस को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। पिछले 2 साल में ऐसा दूसरी बार है जब मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया है। आइये जानते हैं एमपॉक्स यानि मंकीपॉक्स के लक्षण क्या है और ये कैसे फैलता है?