Badlapur school case: सीएम एकनाथ शिंदे बोले- किसी भी दोषी को नहीं बख्शेंगे

Badlapur school case: महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

Badlapur school case: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बदलापुर के स्कूल में चार वर्ष की दो बच्चियों के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। शिंदे ने पुलिस को निर्देशित किया है कि वे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और मामले को ‘फास्ट ट्रैक कोर्ट’ में ले जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस एक्शन (Police action) से कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा।

मुख्यमंत्री शिंदे ने पुलिस को दी सख्त हिदायत
एकनाथ शिंदे ने कहा कि मैंने पुलिस आयुक्त को पहले ही आदेश दे दिया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही उन्होंने मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए हैं। शिंदे ने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast-track court) में मामला ले जाने से न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी और दोषियों को जल्द सजा मिल सकेगी।

मामले में आरोपी अक्षण शिंदे की हुई गिरफ्तारी
इस मामले में आरोपी स्कूल के सफाईकर्मी अक्षय शिंदे को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब माता-पिता ने एफआईआर दर्ज कराने पर जोर दिया। हालांकि, शुरू में एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई थी, जिससे माता-पिता और स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश फैला। एफआईआर (FIR) दर्ज करने के बाद ही प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और आरोपी को हिरासत में लिया गया।

ठाणे में बदलापुर के लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
इस घटना के बाद ठाणे जिले में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। लोगों ने कड़ी सजा की मांग करते हुए शहर में बंद का ऐलान किया। स्थानीय ट्रेन सेवाओं में भी खलल पड़ा, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (Maharashtra CM) शिंदे ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए और किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बदलापुर के सीनियर पुलिस इंसपेक्टर का तबादला
इस घटना के बाद प्रशासनिक स्तर पर भी बदलाव हुए। बदलाापुर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को तत्काल स्थानांतरित कर दिया गया, क्योंकि उन पर मामला दबाने की कोशिश का आरोप था। माता-पिता का आरोप था कि उन्हें एफआईआर दर्ज करने में 12 घंटे से अधिक का समय लगा। स्कूल स्टाफ और पुलिस प्रशासन के की लापरवाही की वजह से अभिभावक नाराज हो गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया।

आक्रोशित माता-पिता ने लगाई इंसाफ की गुहार
माता-पिता की मांग है कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं से समाज में भय का माहौल पैदा होता है, और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के आदेश के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी और दोषियों को उनके किए की सजा मिलेगी।

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