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इस साल भी शारदा- तत्यापारा चौक सड़क चौड़ीकरण के आसार नहीं, व्यापारी वर्ग ने कलेक्टर को सौंपा 10 सूत्रीय ज्ञापन

Raipur News:

Raipur News: शारदा चौक से तात्यापारा रोड के चौड़ीकरण की प्रक्रिया दूसरे दिन भी सर्वे कार्य जारी रहने से प्रभावित मकान मलिक, दुकानदार और व्यापारियों ने10 सूत्री मांग पत्र तैयार कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है

Raipur News रायपुर। राजधानी बहुचर्चित शारदा चौक से तात्यापारा सड़क चौड़ीकरण कार्य की प्रक्रिया दूसरे दिन भी सर्वे कार्य के साथ जारी रही,तो वही प्रभावित हो रहे मकान मालिकों, दुकानदारों, व्यापारियों ने 10 सूत्रीय मांग पत्र तैयार कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

चौड़ीकरण कार्य में कवायद तेज होने लगी है। निगम प्रशासन, जिला प्रशासन,पीडब्लूडी ने शारदा चौक से सड़क के मध्य से दुकान तक 14 मीटर सेंटर से दोनों तरफ नापने का काम शुरू कर दिया है। मंगलवार आठ दुकानों के दस्तावेजों का परीक्षण व सेंटर लाइन से नापजोख हुई।

उधर प्रभावित हो रहे दुकानदार, व्यापारी, मकान मालिकों ने 10 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधीश व एसडीएम को सोमवार को सौंपा है।ज्ञापन सौंपने के बाद प्रभावितों का कहना है कि नगर निगम चुनाव नवंबर में है ऐसे में सड़क चौड़ीकरण कार्य असमंजस्य लिए हुए हैं। ज्ञापन देने के बाद शीर्ष अधिकारियों की प्रतिक्रिया को देख बाजार में चर्चा है कि इस साल चौड़ीकरण काम शुरू नही होगी।

भाजपा हरगिज नही चाहेगी कि इसका श्रेय कांग्रेस को जाए। राजनीतिक उठा-पटक के चलते चौड़ीकरण काम में देरी होते रहेगी। खामियाजा कारोबारियों, कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा। व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा। प्रभावित कारोबारियों के व्यापारी संघ अध्यक्ष बद्रीनारायण भूतड़ा ने बताया है कि ज्ञापन सौंपने के बाद जब जिलाधीश से चर्चा करना चाहा तो उन्होंने अतिरिक्त समय देने का आश्वासन दिया है।

10 सूत्रीय मांगों में क्रमशः जमीन की राशि गाइडलाइन रेट का दोगुना की दर से अधिक हो। भवन को तोड़े जाने वाले हिस्से की व्यय वर्तमान निर्माण लागत की दर पर किया जाए। तोड़-फोड़ व पुनर्निर्माण में लगने वाले समय में क्षतिपूर्ति हेतु किराया रेट कंट्रोल एक्ट के अनुसार हो। वर्तमान में निर्माण तोड़ने, भवन स्वामी को एक माह वक्त दिया जाए।आने वाले खर्च का मूल्यांकन पीडब्लूडी,एसओआर के अनुसार कर भवन मालिक को दिया जाए। रोड चौड़ीकरण के दायरे में शासकीय जमीन 40 फीट है। उसके बाद की जमीन मकान मालिक की है। मुआवजे की गणना उसी अनुसार हो कुछ मकानों को तोड़ने से अधिक नुकसान होगा। उसकी मरम्मत क्षतिपूर्ति दी जाए। कुछ भवन तीन माले में है उसके मालिक भी अलग-अलग है। ऐसी स्थिति में मल्टी स्टोरी काम्प्लेक्स की गाइडलाइन अनुसार मुआवजा दें। सांत्वना के तौर पर एफएआर दिया जाए। जैसा आमापारा-आजाद चौक चौड़ीकरण में दिया था।

तकनीकी के जानकारों का कहना है कि राजनीतिक उठापटक अलग बात है। तकनीकी तौर पर ही चौड़ीकरण कार्य तीन माह में अक्टूबर-नवंबर तक पूरा होना बेहद मुश्किल होगा। वे वजह बताते हैं पहला सर्वे कार्य इस माह पूरा चलेगा।जिस पर दावा-आपत्ति चलेगी। जमीन का दर तय होना है व्यापारी, मकान मालिक अधिक से अधिक वसूलना चाहेगा। इसके चलते पेंच आएगा। तीसरा तोड़ने का कार्य एक-डेढ़ माह बाद ही शुरू हो पाएगा। खुद व्यापारी,मकान मालिक तोड़फोड़ करायेंगे तो समय अधिक लगेगा।

(लेखक डा.विजय)

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