Sat. Jul 5th, 2025

Kedarnath धाम में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, अब भी फंसे 250 से ज्यादा यात्री

Kedarnath Cloudburst: एमआई चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतरेगा।

Kedarnath Cloudburst: केदारनाथ धाम में फंसे 250 से अधिक यात्रियों को लिंचोली से भीमबली तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ के छह जवानों की टीम रवाना की गई है। जहां से यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सोनप्रयाग पहुंचाया जाएगा। इसके लिए सेना के एम-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर काम पर लगाए गए हैं। सोमवार को केदार घाटी का मौसम साफ होने के साथ ही एमआई 17 और चिनूक से एयर लिफ्ट रेस्क्यू शुरू हो गया है।

एमआई चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतरेगा। सुबह नौ बजे तक 133 लोगों को केदारनाथ से एमआई, चिनूक और अन्य छोटे हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित एयर लिफ्ट किया जा चुका है। सभी लोगों के बाहर आने तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा।

भारी बारिश से तबाद हुआ उत्तराखंड
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते आठ लोगों की मौत हो चुकी है और करीब छह लोग घायल हुए हैं। भारी बारिश के चलते सड़क बह जाने के बाद केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है। जानकारी के मुताबिक भीमवली और रामबाड़ा के बीच करीब 20 से 30 मीटर रास्ता बह गया है। वहीं सोनप्रयाग के पास करीब 100 मीटर सड़क सैलाब में बह गई है। गौरीकुंड में पड़ने वाला तप्तकुंड भी सैलाब में पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। तप्तकुंड मलबे से पूरी तरह दब गया है। तप्तकुंड में श्रद्धालु स्नान करते हैं।

एडवाइजरी जारी
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से केदारनाथ दर्शन के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्रियों के लिए एक परामर्श जारी किया गया है जिसमें उनसे कहा गया है कि वे फिलहाल जहां भी हैं, सुरक्षित रूके रहें और अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें। परामर्श में कहा गया है कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है। भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिरकर रास्ते में आ गए हैं।

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