Raipur News: रायपुर नगर निगम के वार्डों के नए परिसीमन को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे कांग्रेस पार्षद

Raipur News: रायपुर। रायपुर नगर निगम के वार्डों का नए सिरे से परिसीमन उपरांत दोनों दलों के पार्षदों खासकर कांग्रेस के मध्य हड़कंप मच गया है। परिसीमन ने चुनावी तैयारी में लगे पार्षदों की चिंता बढ़ा दी है।
Raipur News रायपुर। रायपुर नगर निगम के वार्डों का नए सिरे से परिसीमन उपरांत दोनों दलों के पार्षदों खासकर कांग्रेस के मध्य हड़कंप मच गया है। परिसीमन ने चुनावी तैयारी में लगे पार्षदों की चिंता बढ़ा दी है। परिसीमन का सभापति, महापौर समेत डेढ़ -दो दर्जन कांग्रेस पार्षद कड़ा विरोध कर रहे हैं, वे अपने वकील से चर्चा कर रहे हैं। तथा हाईकोर्ट जाने की तैयारी में जुट गए हैं।
दरअसल, हाईकोर्ट द्वारा राज्य के तीन नगरीय निकायों के परिसीमन पर रोक लगाई है।चर्चा है कि उसी को आधार बनाकर यहां कांग्रेस पार्षद सोच रहे हैं कि उन्हें भी स्थगन मिल जाएगा। फिलहाल, तो प्रकाशन बाद से पार्षदों के मध्य खलबली मच गई है। वार्ड संख्या तो पूर्ववत 70 ही है। पर उनके परिक्षेत्रों में अंतर आ गया है। कइयों के इला में भी है।
के दूसरे वार्डों में चले गए है,तो कुछ के वार्डों में से दीगर इलाके जुड़ गए हैं। इससे उनके अपने वोट बैंक बड़ी संख्या में इधर-उधर हो गए हैं, जो सैकड़ो हजारों में है।
यहां यह बता देना उचित होगा कि पार्षद चुनाव में 5-10 वोट भी मायने रखता है। क्योंकि ज्यादातर वार्डों में जीत-हार का अंतर दो संख्या में भी होता है। कम ही पार्षद 700-800 मतों से जीतते हैं। यही वजह है कि आपाधापी डर का माहौल परिसीमन ने पैदा कर दिया है। 2 वार्ड तो विलुप्त हो गए जबकि उनकी जगह दो नए वार्ड बन गए। चर्चा है कि दावा-आपत्ति करने पार्षद बड़ी संख्या में सामने आने वाले हैं। देखने वाले बात यह भी है कि पार्षद अपने कितने नजदीकी सामान्य नागरिकों से दावा-आपत्ति लगवाते हैं।
कांग्रेस से पार्षदों की महापौर कक्ष में शुक्रवार को बैठक हुई। जिसमें सभापति, महापौर एवं वरिष्ठ पार्षद मौजूद थे। पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड के परिसीमन में गड़बड़ियों की शिकायत की। उन्होंने अपनी नजरिए से विसंगतियां गिनाई। पार्टी ने कुछ वकीलों का को भी बुलाया था, कहा जा रहा है कि ज्यादातर आपत्तियां स्वीकृत की गई है और अब उन्हें दर्ज करने की बात आ रही है। नए परिसीमन में दर्जन भर से अधिक वार्डो पर क्रमांक बदल गया है जिस पर नागरिकों की ओर से आपत्ति लगवाई जाने की चर्चा है। क्योंकि पता, आधार, पेन ड्राइव, मतदाता पत्र, राशन कार्ड में वार्ड संख्या (क्रमांक) रहता है। वकीलों से सलाह-मशविरा लिया जा रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि हाईकोर्ट संभावित याचिकाओं पर क्या निर्णय करता है। क्योंकि तीन नगरीय निकायों पर जिस आधार पर परिसीमन प्रकाशन पर स्थगन दिया गया है उसे ही आधार बनाकर यदि याचिका लगाई जाती है,तो हाईकोर्ट का क्या रुख होगा। तब जबकि इधर परिसीमन प्रकाशित हो चुका है। चुनाव दिसंबर में होना है।