Bilaspur High Court: बिलासपुर हाई कोर्ट ने कहा, जेलों की वास्तविक स्थिति से शासन अवगत कराए

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने महाराष्ट्र,राजस्थान,हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में ओपन जेल की संभावना और यहां जेलों की वास्तविक स्थिति पर राज्य शासन ने शपथ पत्र पर विस्तृत जानकारी मांगी है।
Bilaspur High Court रायपुर। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने महाराष्ट्र,राजस्थान,हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में ओपन जेल की संभावना और यहां जेलों की वास्तविक स्थिति पर राज्य शासन ने शपथ पत्र पर विस्तृत जानकारी मांगी है।
दरअसल,प्रदेश में विभिन्न जेलों से एकत्रित किए गए आंकड़ों के आधार पर स्वतः ही संज्ञान लेते हुए एक प्रकरण हाईकोर्ट ने दर्ज किया है। इसमें यह देखा गया है कि प्रदेश में ऐसे 340 कैदी है, जिन्हें 20 साल से अधिक कारावास की सजा सुनाई गई है और उनकी अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। ऐसे में यह सवाल उठाया गया है कि उन कैदियों की क्या दुर्दशा होगी, जिन्हें इतने लंबे समय तक कारावास में रहना पड़ेगा। एक मामले के आरोपी के परिजन अनाम अंसारी ने विभिन्न तिथियों पर हाईकोर्ट को पत्र लिखकर कहा था कि अंसारी की हत्या के मामले में जेल में सन 2010 से बंद है। वह घर पर एक मात्र कमाने वाला शख्स है उसके लगातार कारावास से घर-परिवार के लोग बदहाली का जीवन गुजार रहे हैं।
हाई कोर्ट में सन 2023 में उसकी याचिका खारिज कर दी थी। फिलहाल, नई याचिका पर डबल बेंच में सुनवाई चल रही है। याचिका में कहा गया है कि सुधारात्मक सजा के तहत पारंपरिक अमानवीय जेले सही नही है। बल्कि अधिक उदार है और खुली जेलों की अवधारणा का समर्थन होना चाहिए जो न्यूनतम सुरक्षा के साथ एक विश्वास आधारित जेल है। यह भी बताया गया है कि भारत में राजस्थान, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश में खुली जेलों की संख्या सर्वाधिक है।
कुल 6 बिंदुओं पर डाटा एकत्र किए गए
ध्यान रहे कि इस पत्र के आधार पर ही कुल 6 बिंदुओं पर डाटा एकत्र किए गए। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित केंद्रीय जेलों और जिला जेलों में महिला कैदियों के साथ रहने वाले बच्चे, 20 वर्ष से अधिक की सजा वाले कैदी, जेल की क्षमता और वास्तव में जेल में रखे गए कैदियों की कुल संख्या, बढ़ई, प्लंबर, पेंटर, माली, किसान आदि जैसे कुशल पेशेवर कैदियों की कुल संख्या, वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आने वाले कैदी और जेल से भागने की कोशिश करने वाले कैदियों की संख्या कितनी है यह जानकारी जुटाई गई। इसमें पाया गया कि जेल में महिला कैदियों के साथ 82 बच्चे रह रहे हैं। साथ ही 340 अपराधी ऐसे हैं जिन्हें 20 वर्ष से अधिक कारावास की सजा हुई है और उनकी अपीलें सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी हैं।