Chhattisgarh News: मौत की दीवार! धमतरी में स्कूल की बाउंड्री वॉल गिरने से मासूम की मौत, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
Chhattisgarh News: धमतरी नगरी ब्लॉक के प्राथमिक शाला चुरियारा पारा क्रमांक 19 की पहली कक्षा की छात्रा वार्ड क्रमांक 2 निवासी दुर्गा पिता बिसाहू कमार की स्कूल की दीवार गिरने से मौके पर ही मौत हो गई।
Chhattisgarh News रायपुर। धमतरी नगरी ब्लाक के प्राथमिक शाला चुरियारा पारा क्रमांक 19 की पहली कक्षा की छात्रा दुर्गा पिता बिसाहू कमार निवासी वार्ड क्रमांक 2 के ऊपर स्कूल की दीवार गिर गई। बच्ची की दर्दनाक मौत से क्षेत्र में शोक की लहर है। घटना शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे की है। छात्रा दुर्गा स्कूल गेट के पास खेल रही थी। इसी दौरान गेट सहित बौड़ीवाल की दीवार छात्रा के ऊपर गिर गई। लोगों की मदद से बच्ची को तत्काल नगरी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शासन-प्रशासन पर उठे बड़े सवाल
बताया गया कि बच्ची ने एक माह पहले ही इस स्कूल में एडमिशन लिया था। स्कूल की दीवार लंबे समय से जर्जर हालत में थी। शिक्षा विभाग ने ध्यान नहीं दिया। अनदेखी के कारण कमार छात्रा की मौत हो गई। इधर, प्रदर्शन के बाद तहसीलदार केतन भोयर, शिक्षा विभाग बीईओ कलीराम साहू, पार्षद टिकेश्वर ध्रुव जांच करने मौके पर पहुंचे। तहसीलदार केतन भोयर ने बताया कि बच्ची मध्यान्ह भोजन के बाद प्राथमिक स्कूल गेट के पास खेल रही थी, तभी यह हादसा हुआ। डीईओ ने मामले की जांच के निर्देश दिए।
शिक्षा अधिकारी कलीराम साहू ने संबंधित विभाग को पत्र लिखा है
ब्लाक शिक्षा अधिकारी कलीराम साहू ने कहा कि माध्यान्ह भोजन के बाद बच्ची गेट में झूल रही थी। इसी दौरान गेट और जर्जर दीवार उस पर गिर गया। बाउंड्रीवाल जर्जर था। डिस्मेंटल के लिए संबधित विभाग को पत्र लिख चुके हैं।
सबसे ज्यादा जर्जर भवन और बाउंड्रीवाल नगरी और मगरलोड ब्लॉक में हैं
जिले के नगरी और मरगालोड ब्लाक में सबसे ज्यादा जर्जर भवन और बाउंड्रीवाल है। स्कूल प्रबंधन और बीईओ संबंधित विभाग को पत्र लिखकर भूल जाते हैं। शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा इस संबंध में कोई पहल नहीं की जाती है।आए दिन ग्रामीण व पालक कलेक्ट्रेट पहुंच जर्जर भवनों को ढहाने की मांग करते हैं। प्रशासन भी इनकी मांगो पर त्वरित कार्रवाई नहीं करती। चुरियारा पारा में विरोध प्रदर्शन का कारण अधिकारियों की लापरवाही है, क्योंकि दीवार पहले से ही जर्जर थी। इसे हटाने की कोई परवाह नहीं की गई।