Income Tax Return: 31 जुलाई तक भर लें इनकम टैक्स रिटर्न वरना देना होगा भारी जुर्माना, ये है नया नियम

Income Tax Return: ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अगर इसे समय पर नहीं भरा गया तो लोगों को 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की लेट फीस देनी होगी।
Income Tax Return रायपुर। ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। अगर इसे समय पर नहीं भरा गया तो लोगों को 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की लेट फीस देनी होगी। इसके अलावा अगर देरी से ITR दाखिल किया गया तो आप पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत मिलने वाली कई तरह की छूट से वंचित रह जाएंगे। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
आयकर की धारा 139 (1) के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। ऐसे में अब आयकर धारकों के पास रिटर्न दाखिल करने के लिए सीमित समय बचा है। अगर इस बार रिटर्न दाखिल करने से चूक गए तो 5 लाख रुपये तक की आय वालों को 1,000 रुपये और इससे अधिक आय वालों को 5,000 रुपये की पेनाल्टी के साथ रिटर्न दाखिल करने का मौका मिलेगा।
इस वर्ष क्या नया?
पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने आयकर का एक नया नियम लागू किया था जो एच्छिक था। अगर कोई व्यक्ति नई टैक्स दरों का लाभ उठाना चाहता था तो वह अलग से फॉर्म भरकर उसका लाभ उठा सकता था, लेकिन इस वित्तीय वर्ष से अगर कोई पुरानी दर पर रिटर्न दाखिल करना चाहता है और विभिन्न धाराओं के तहत छूट प्राप्त करना चाहता है तो उसे वह नया फॉर्म भरना होगा। अन्यथा नई दरें लागू होंगी।
हो सकता है ये नुकसान
अगर आखिरी दिन इनकम टैक्स की वेबसाइट पर कोई दिक्कत आती है तो आपका रिटर्न दाखिल नहीं हो पाएगा। इसके बाद रिटर्न दाखिल करने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है।
अगर आप 31 जुलाई के बाद ITR फाइल करते हैं तो आपको लेट फीस देनी होगी। अगर आपका रिटर्न 5 लाख रुपये की टैक्स छूट सीमा के अंतर्गत आता है तो आपको 1,000 रुपये की लेट फीस देनी होगी। कुछ मामलों में यह 5,000 रुपये तक हो जाती है।
अगर आप 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं और आप पर सरकार का टैक्स भी बकाया है तो आपको बकाया टैक्स पर ब्याज और जुर्माना देना होगा।
समय पर रिटर्न दाखिल करने का एक बड़ा फायदा यह है कि अगर आपको सरकार से रिफंड मिलता है तो वह भी आपको समय पर पूरा मिल जाएगा। अगर आप देर से आईटीआर दाखिल करते हैं तो आप पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत मिलने वाले कई लाभों से वंचित रह जाएंगे। इतना ही नहीं, उन्हें टैक्स देनदारी की राशि पर 1 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा।
तो नहीं मिलेगा रिबेट
पिछले साल किए गए संशोधन के अनुसार रिटर्न दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर ई-वेरिफिकेशन ओटीपी के जरिए रिटर्न दाखिल करवाना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर रिटर्न अमान्य हो जाएगा। इसके लिए आयकरदाता का आधार और पैन लिंक होना अनिवार्य है। इसके अलावा अगर किसी ने शेयर बाजार में पूंजीगत लाभ कमाया है तो नए संशोधन के अनुसार उसे नई व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी। और इस पर विशेष दर से टैक्स लगेगा।