High BP in Monsoon: क्या बारिश के मौसम में बढ़ जाता है हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क, जागरूकता और सक्रिय उपायों के माध्यम से किया जा सकता है कम?
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High BP in Monsoon: कई शोधों से पता चला है कि जब मौसम बदलता है तो शरीर के ये तंत्र भी बदल जाते हैं, जिसकी वजह से हमारे दिल की सेहत पर असर पड़ता है। इसलिए इसका खास ख्याल रखना चाहिए।
High BP in Monsoon रायपुर। मौसम बदलने का असर सेहत पर भी पड़ता है. बारिश आते ही बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है. इस मौसम में वातावरण में नमी की वजह से ब्लड प्रेशर में भी बदलाव होता है। कई रिसर्च में भी बताया गया है कि मौसम में बदलाव का असर दिल की सेहत पर भी पड़ता है। एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्टडॉ. अभिजीत बोरसे कहते हैं कि, मानसून के मौसम की नमी और तापमान का असर उन लोगों पर ज्यादा पड़ता है जिन्हें पहले से ब्लड प्रेशर संबंधित शिकायतें होती हैं। आइए डॉक्टर बोरसे से समझते हैं मानसून के मौसम में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के लिए क्या किया जाना चाहिए।
दरअसल, हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए कई तंत्र काम करते हैं। ये तंत्र मौसम, तापमान, आर्द्रता और वायुमंडलीय दबाव से प्रभावित होते हैं। कई शोधों से पता चला है कि जब मौसम बदलता है तो शरीर के ये तंत्र भी बदल जाते हैं, जिसकी वजह से हमारे दिल की सेहत पर असर पड़ता है। इसलिए इसका खास ख्याल रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए क्या करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर पर बारिश के मौसम का असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान आर्द्रता बढ़ जाती है और तापमान में भी तेजी से उतार-चढ़ाव होता है। उच्च तापमान वासोडिलेशन का कारण भी बन सकता है। जिसके कारण रक्तचाप भी कम हो सकता है। वहीं, तापमान, आर्द्रता, निर्जलीकरण और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन बढ़ने से रक्तचाप का नियमन प्रभावित हो सकता है। हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
जोखिमों को कम करना और जागरूकता को बढ़ावा देना
मानसून के मौसम में ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखने और हार्ट संबंधी समस्याओं से बचने के लिए जागरुक होना और जोखिम कारकों को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं क्या कदम उठाए जाने चाहिए-
नियमित निगरानी – जोखिम वाले व्यक्तियों को नियमित रूप से अपने रक्तचाप की निगरानी करनी चाहिए, खासकर मौसमी बदलाव के दौरान।
हाइड्रेशन- इस मौसम में पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने के लिए आप पानी की जगह अन्य हेल्दी ड्रिंक्स भी पी सकते हैं।
स्वस्थ जीवन शैली- संतुलित आहार बनाए रखना, नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना (यदि आवश्यक हो तो घर के अंदर) और स्ट्रेस को मैनेज करने से रक्तचाप के स्तर को स्थिर करने में मदद मिल सकती है।
चिकित्सीय परामर्श – जिन लोगों को कोई पुरानी बीमारी या हेल्थ समस्या होती है उन्हें लगातार अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए और उनकी सलाह पर दवाओं में बदलाव किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष- मानसून जैसे तेजी से बदलते मौसम में रक्तचाप के स्तर में बदलाव होना बहुत सामान्य बात है। हालांकि, जागरूकता और सक्रिय उपायों से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है। ऐसे समय में हम सही जीवनशैली और आहार अपनाकर अपने दिल को स्वस्थ रख सकते हैं। इतना ही नहीं, हमें दूसरों को भी इन मौसमी प्रभावों के बारे में जागरूक करके अधिक से अधिक लोगों के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखना चाहिए।