Wed. Sep 17th, 2025

Shubh Muhurat 2024: देवशयनी एकादशी के बाद 4 माह के लिए बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य, जुलाई में शुभ कार्य करने के लिए बचे हैं सिर्फ इतने दिन

Shubh Muhurat 2024:

Shubh Muhurat 2024: जुलाई में 9 तारीख के साथ ही 11 से 17 तारीख तक का समय शुभ कार्यों के लिए अच्छा रहेगा। हालांकि 17 जुलाई को कुछ शुभ मुहूर्त जरूर रहेंगे।

Shubh Muhurat 2024 रायपुर। हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन से जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु अगले चार महीने तक योग निद्रा में रहते हैं, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। भगवान विष्णु की योग निद्रा की अवधि को चातुर्मास भी कहा जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि देवशयनी एकादशी कब है और जुलाई में शुभ मांगलिक कार्य करने के लिए कितने दिन शेष हैं।

देवशयनी एकादशी है जुलाई में इस दिन

जुलाई माह में गुप्त नवरात्रि समाप्त होने के बाद देवशयनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। गुप्त नवरात्रि 15 जुलाई को समाप्त होगी और 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी होगी। इसी दिन से चातुर्मास भी शुरू हो जाएगा। चातुर्मास काल 11 नवंबर 2024 तक रहेगा। इस दौरान विवाह, मुंडन, ग्रह प्रवेश आदि कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित रहेगा। आइए अब जानते हैं कि देवशयनी एकादशी से पहले जुलाई में कौन से दिन शुभ कार्य करने के लिए शुभ माने गए हैं।

देवशयनी एकादशी से पहले इन तारीखों को कर सकते हैं  मांगलिक कार्य

अगर आप ग्रह प्रवेश करना चाहते हैं या अपने बच्चे का मुंडन करवाना चाहते हैं, घर में भगवान विष्णु के लिए पूजा का आयोजन करवाना चाहते हैं, विवाह करना चाहते हैं तो 17 जुलाई से कुछ दिन पहले का समय आपके लिए शुभ साबित होगा। जुलाई में 9 तारीख के साथ ही 11 से 17 तारीख तक का समय शुभ कार्यों के लिए अच्छा रहेगा। हालांकि 17 जुलाई को कुछ शुभ मुहूर्त जरूर रहेंगे। 11 नवंबर को चातुर्मास खत्म होने के बाद विवाह, मुंडन आदि कार्यों के लिए शुभ तिथियां रहेंगी।

चतुर्मास में भगवान शिव की पूजा करना बेहद शुभ

देवशयनी एकादशी के बाद जब भगवान विष्णु चार महीनों की योग निद्रा में चले जाते हैं तो भगवान शिव जगत का कार्यभार संभालते हैं। इसीलिए चतुर्मास के दौरान भगवान शिव की पूजा का बड़ा महत्व माना गया है। सावन में अगर आप भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं तो आपके जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं। शिव साधना से आध्यात्मिक उत्थान भी होता है, जो लोग आध्यात्मिक गतिविधियों से जुड़े होते हैं उन्हें भी इस दौरान विशेष अनुभव होते हैं। इसके साथ ही अविवाहित लोगों के लिए भी यह समय बेहद खास माना जाता है, अगर कोई अविवाहित व्यक्ति सावन के किसी भी सोमवार से शुरू करके अगले 16 सोमवार तक व्रत रखता है तो भगवान शिव की कृपा से उसे सुयोग्य वर या वधू की प्राप्ति होती है।

About The Author