Parliament Session : BJP सांसद Sudhanshu Trivedi ने कांग्रेस को जमकर घेरा, नेहरू-मोदी की तुलना पर कही ये बात

Parliament Session : संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने जमकर कांग्रेस को घेरा। इस दौरान उन्होंने कई मौकों पर शायरी के जरिए भी कांग्रेस और नेहरू जी को घेरा।
Parliament Session : नई दिल्ली : राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच चर्चा अब भी जारी है। BJP की तरफ से सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने चर्चा की शुरुआत की। सुधांशु ने कहा कि एक ओर जहां PM मोदी की जमकर तारीफ की वहीं, कांग्रेस और नेहरू परिवार की जमकर आलोचना की। इस दौरान उन्होंने कई मौकों पर शायरी भी कही। बीजेपी सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाए हैं। वहीं, दूसरी ओर फेल होने वाले थर्ड डिवीजन पास होने पर खुश हैं। कांग्रेस 99 को ही अपनी मंजिल समझकर बैठ गई है।
शायरी के ज़रिये कांग्रेस को घेरा
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने शायरी पढ़ते हुए कहा कि ‘दरिया का सारा नशा उतरता चला गया, वो मुझको डुबाता रहा और मैं उभरता चला गया..ये 44, 52 और 99…अरे मंजिल समझकर बैठ गए जिस पर चंद लोग..मैं ऐसे कितने ही रास्तों से होकर गुजरता चला गया’। बीजेपी सांसद ने कहा कि तीनों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 44, 52 और 99 सीटें जीती। तीनों को मिला दे तो भी इनके इतने सांसद नहीं हैं जितने कि हमारे (BJP) के 240 सीटें आई हैं। कांग्रेस पिछले 40 सालों में भी 240 सीटें नहीं जीत पाई। इन लोगों ने कितनी भी कोशिश कर ली लेकिन PM मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से नहीं रोक पाए।
नेहरू-मोदी की तुलना पर कही ये बात
राज्यसभा में सुधांशु त्रिवेदी ने नेहरू-मोदी की तुलना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नेहरु परिवार की आलोचना करते हुए कहा कि “हां पंडित जवाहरलाल नेहरू और नरेंद्र मोदी में अंतर हैं, नेहरू और पीएम मोदी की बराबरी नहीं हो सकती। PM मोदी सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री बने और कांग्रेस में सर्वसम्मति के बगैर नेहरू पीएम बने..”। पीएम मोदी सभी पार्टियों के लोगों को भारत रत्न और अन्य पुरस्कार दिया लेकिन नेहरू जी ने अपनी ही पार्टी के सरकार पटेल और बाबा साहेब आंबेडर को भारत रत्न नहीं दिया। वे खुद अपनी ही सरकार से पुरस्कार लेकर बैठ गए।
कांग्रेस ने की लोकतंत्र की हत्या-बीजेपी सांसद
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं लेकिन उन्होंने अपनी सरकारों में लोकतंत्र का गला घोंट डाला। जब-जब ये लोग सत्ता में आए लोकतंत्र खतरे में आया। इनके समय में प्रेस को भी आजादी नहीं थी। कांग्रेस ने इमरजेंसी लगाकर संविधान का गला घोटा।