Arunachal Pradesh Cloudburst : ईटानगर में बादल फटने से दिखा पानी का प्रकोप, कई इलाकों में हुआ भूस्खलन

Arunachal Pradesh Cloudburst : अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में बादल फटने से भारी तबाही मच गई है। प्रदेश के कई इलाकों में भूस्खलन की खबर भी सामने आई है।
Arunachal Pradesh Cloudburst : ईटानगर : अरुणाचल प्रदेश से एक बड़ी तबाही के खबर सामने आई है। जहां प्रदेश की राजधानी ईटानगर में रविवार सुबह बादल फटने से कई इलाकों में भूस्खलन हुआ और बाढ़ की स्थिति बन गई। अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से भारी बारिश हो रही है। संवेदनशील और नाजुक हालात को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने उच्चस्तरीय बैठक कर बचाव के व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिए।स्थानीय आपदा प्रबंधन और प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से मूसलाधार बारिश हो रही है। पिछले दो दिनों में स्थिति में सुधार भी हुआ, लेकिन रविवार को बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं था। हाईवे-415 पर जलभराव होने से कई वाहन फंसे हुए हैं।
वहीं मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश का मालवा इलाके के अलावा गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है जिसके बाद माना जा रहा है कि इनमें से कुछ इलाकों में बाढ़ आ सकती है।
अधिकारीयों ने दी जानकारी
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह लगभग 10:30 बजे बादल फटने की घटना के बाद ईटानगर के कई हिस्सों में और उसके आसपास के इलाकों से भूस्खलन की खबरें हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 415 के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। वहां कई वाहन फंसे हुए हैं। प्रशासन ने सात स्थानों पर राहत शिविर लगाए हैं और लोगों को नदियों के किनारे और भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है।
ग्रुमंत्री ने रखाई बैठक
पूर्वोत्तर के नाजुक हालात को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मानसून के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में आने वाली बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटने और कृषि, सिंचाई और पर्यटन को विकसित करने में मदद के लिए ब्रह्मपुत्र के पानी को मोड़ने के लिए पूर्वोत्तर में कम से कम 50 बड़े तालाब बनाए जाने चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि बाढ़ से निपटने और कृषि, सिंचाई और पर्यटन को विकसित करने में मदद के लिए ब्रह्मपुत्र के पानी को मोड़ने के लिए पूर्वोत्तर में तालाबों की संख्या बढ़नी चाहिए। शाह ने बाढ़ और जल प्रबंधन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों सहित उपलब्ध डाटा के अधिकतम उपयोग पर भी जोर दिया।
संबंधित विभाग प्रमुखों से तकनीक के इस्तेमाल की अपील
गृहमंत्री शाह ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ निरीक्षण केंद्र आवश्यकता के अनुरूप और अंतरराष्ट्री स्तर के होने चाहिए। गृह मंत्री ने विभिन्न विभागों की ओर से विकसित मौसम, वर्षा और बाढ़ चेतावनी संबंधित एप को एकीकृत किए जाने की जरूरत पर जोर दिया। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालयों के सचिवों सहित कई संबंधित विभाग प्रमुखों ने भाग लिया।