Tue. Jul 22nd, 2025

Supreme Court का बड़ा फैसला, प्रमोशन पर सरकारी कर्मियों का अधिकार नहीं

Supreme Court:

Supreme Court : मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा है कि भारत में कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी प्रमोशन को अपना अधिकार नहीं मान सकता क्योंकि संविधान में इसके लिए कोई मानदंड तय नहीं किया गया है।

Supreme Court रायपुर। भारत में कोई भी सरकारी कर्मचारी-अधिकारी प्रमोशन को अपना अधिकार नही मान सकता है, क्योंकि संविधान में इसके लिए कोई मानदंड नही किया गया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने दिया बड़ा फैसला

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बड़ी बात कही। जिसमें बताया कि सरकारी नौकरी में प्रमोशन देने के मानदंडों का संविधान में कहीं भी जिक्र नहीं है। सरकार और कार्यपालिका प्रमोशन के मानदंडों को तय करने के लिए स्वतंत्र है। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. परदीवाल और मनोज मिश्रा की पीठ में अपने फैसले में कहा- भारत में कोई सरकारी कर्मचारी, अधिकारी प्रमोशन को अपना अधिकार नहीं मान सकता है क्योंकि संविधान में इसके लिए कोई मानदंड निर्धारित नही किया गया है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि विधायिका या कार्यपालिका रोजगार की प्रकृति और उम्मीदवार से अपेक्षित कार्यों के आधार पर प्रमोशन के पदों पर रिक्तियों को भरने की विधि तय कर सकती है। कोर्ट ने आगे कहा कि न्यायपालिका यह तय करने के लिए समीक्षा नही कर सकती कि प्रमोशन के लिए अपनाई गई नीति सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों के चयन हेतु उपयुक्त है या नही।

योग्यता पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए

आपको बता दें कि गुजरात में जिला जजों के चयन पर चल रहे विवादों पर फैसला सुनाते हुए पीठ ने ये बातें कही हैं। जस्टिस पारदीवाला ने फैसला लिखते हुए कहा, ”हमेशा यह धारणा रही है कि लंबे समय से सेवारत कर्मचारियों ने संस्थान के प्रति वफादारी दिखाई है और इसलिए वे अपने पूरे करियर के दौरान संस्थान से समान व्यवहार के हकदार हैं।” उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, सुप्रीम कोर्ट ने लगातार फैसला सुनाया है कि जहां पदोन्नति योग्यता और वरिष्ठता के सिद्धांत पर तय की जाती है, वहां योग्यता पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए।

(लेखक डा. विजय)

About The Author