Tue. Sep 16th, 2025

Chhattisgarh News: स्टेट फार्मेसी काउंसिल ने जारी किया आदेश, दवा वितरण के लिए डिग्री के साथ पंजीयन भी जरूरी

Chhattisgarh News:

Chhattisgarh News: फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा 42 के अनुसार, दंड प्रावधान में संशोधन भी किया गया है। अब गैर पंजीकृत फार्मासिस्ट दवा वितरण व बेचने पर तीन माह की सजा तथा दो लाख जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है।

Chhattisgarh News रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल ने शुक्रवार को आदेश जारी कर सभी अस्पतालों, मेडिकल स्टोर संचालकों व फार्मासिस्टों से कहा है कि दवा वितरण व बेचने के लिए फार्मासिस्ट की डिग्री के अलावा उनका पंजीयन भी प्रदेश में जरूरी है।

फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा 42 के अनुसार, दंड प्रावधान

फार्मेसी एक्ट 1948 की धारा 42 के अनुसार, दंड प्रावधान में संशोधन भी किया गया है। अब गैर पंजीकृत फार्मासिस्ट दवा वितरण व बेचने पर तीन माह की सजा तथा दो लाख जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है। काउंसिल के रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर ने आदेश जारी कर कहा गया है कि एक्ट का कड़ाई से पालन किया जाए। उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें। पर हकीकत यही है कि मरीजों की जान से खेला जा रहा है।

रायपुर जिले में बिना फार्मेसी के1500 करीब मेडिकल स्टोर

इधर मेडिकल सेवा सूत्रों की माने तो अकेले रायपुर जिले में 1500 के करीब मेडिकल स्टोर है। दावा किया जा रहा है कि इनमें 20% भी फार्मासिस्ट नही है। यानी जो दुकानों पर बैठे हैं उनके पास उनकी खुद की फार्मेसी डिग्री नही है। बताया जा रहा है कि इसके बावजूद ड्रग विभाग, मेडिकल स्टोर संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं करता जबकि फार्मेसी डिग्री व फार्मेसी काउंसिल के पंजीयन नियमों के बिना सरकारी व निजी अस्पतालों में दवा बांटने के लिए भी फार्मेसी होना चाहिए। ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में फार्मासिस्ट दवा वितरण कर रहे हैं,जबकि कई स्थान पर क्लर्क या दूसरा स्टाफ मरीजों उनके परिजनों की दवा बांट रहा है। सूत्रों की माने तो रायपुर जिले के अंदर तमाम विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1500 से अधिक मेडिकल स्टोर है। जिनमें से 20% से अधिक मालिक या कर्मचारी फार्मासिस्ट नहीं है।

(लेखक डा. विजय)

About The Author