Loksabha Election : पित्रौदा के विवादित बयान पर भड़के PM मोदी, कहा- देश का अपमान हुआ है
Loksabha Election : सैम पित्रौदा के विवादित बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया सामने आई है। PM मोदी ने कहा ‘मैं बहुत गुस्से में हूं, देश का अपमान हुआ है।
Loksabha Election : वारंगल : लोकसभा चुनावों के बीच PM मोदी तेलंगाना पहुंचे। जहां उन्होंने चुनावी सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने सैम पित्रोदा की टिप्पणियों को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा। PM ने कहा कि आज देशभर में कांग्रेस के खिलाफ गुस्सा है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है। इससे पहले PM मोदी ने वेमुलावाड़ा में राजन्ना मंदिर में जाकर अनोखे कोडे मोक्कू समारोह में शिरकत की। यहां PM ने भगवान शिव के वाहन नंदी के प्रतीक बैल और मंदिर की परिक्रमा की।
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी की इंडियन ओवरसीज ईकाई के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के ‘विरासत टैक्स’ वाले बयान पर विवाद थमा भी नहीं था कि अब उन्होंने भारतीयों के रंग-रूप को लेकर टिप्पणी करके बीजेपी को एक और सियासी हथियार दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पित्रोदा की इस नस्लीय टिप्पणी को लेकर प्रहार किया है। पित्रोदा की नस्लवादी टिप्पणी की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं अपने साथी भारतीयों का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा। मैं आज बहुत गुस्से में हूं, मेरे देश को गाली दी, इसलिए गुस्सा आ रहा।’
क्या बोले सैम पित्रौदा?
सैम पित्रोदा ने कहा है कि भारत एक विविधता वाला देश है। भारत में दक्षिण के लोग अफ्रिकियों जैसे दिखाई पड़ते हैं। पश्चिमी भारत के लोग अरब जैसे दिखाई देते हैं। उत्तर में लोग गोरे जैसे दिखते हैं और पूर्व में लोग चीनी जैसे दिखते हैं। पित्रौदा ने आगे कहा कि हम भारत जैसे विविधातापूर्ण देश में 70-75 साल से मिलकर एक साथ रहते हैं।
कांग्रेस ने भी किया हमला
भारत की विविधता को लेकर सैम पित्रोदा के ताजा बयान पर विवाद शुरू हो गया है। BJP के साथ ही कांग्रेस नेता ने भी सैम पित्रोदा पर हमला बोला है और इसे गलत बताया है। बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सैम पित्रोदा के साथ-साथ राहुल गांधी पर भी हमला बोला है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है- पित्रोदा के बयान से भारत के अस्तित्व पर सवालिया निशान लग गया है। उन्होंने कहा कि ये बात किसी पार्टी या राजनीति भर की नहीं है, ये विदेशी मानसिकता बनाम स्वदेशी सोच की लड़ाई है।

