Covid-19 : कोरोना वायरस से लोगों के फेफड़े हुए कमज़ोर, प्रदेश में ढाई गुना बढ़े अस्थमा के मरीज

Covid-19 :

Covid-19 : अंबेडकर अस्पताल के वरिष्ठ छाती रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर आर.के. पांडा बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में कोरोना काल बाद से अस्थमा के मरीज लगातार बढ़ रहें हैं।

Covid-19 रायपुर। राजधानी समेत समूचे प्रदेश में कोरोना काल उपरांत अस्थमा के करीब ढाई गुना मरीज बढ़ गए हैं। इसके पीछे कारण कोरोना वायरस के चलते फेफड़ों का कमजोर होना बताया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद अस्थमा के मरीज बढ़ रहे हैं

अंबेडकर अस्पताल के वरिष्ठ छाती रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर आर.के. पांडा बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में कोरोना काल बाद से अस्थमा के मरीज लगातार बढ़ रहें हैं। फिलहाल यह संख्या ढाई गुना बढ़ी है। डॉक्टर पांडा कहते हैं कि इसके पीछे बड़ी वजह कोरोना के चलते फेफड़ों का कमजोर होना है। इसके साथ ही वायु प्रदूषण भी कारक बन रहा है। लोगों में लक्षण दिखते हैं पर वे प्रायः इसे नजरअंदाज कर देते हैं। जिससे बीमारी गंभीर हो जाती है। समय पर दवा नही लेने से हल्के लक्षण वाले मरीज भी गंभीर हो जाते हैं। अब ऐसे मरीजों को बदल -बदलकर दवाई देनी पड़ रही है। अचानक मौसम बदलने नमी, गर्मी, बारिश का असर भी अस्थमा पर पड़ता है मामले तेजी से बढ़ते हैं।

डॉक्टर पांडा के अनुसार अस्थमा के निम्न लक्षण

डॉक्टर पांडा के अनुसार निम्नांकित लक्षण अस्थमा के हैं- सांस लेने में परेशानी, दम घुटना, सांस लेते समय आवाज आना ,छाती में कुछ जमा या भरा हुआ महसूस होना, बहुत खांसने पर कफ संभावित है। काम करते समय सांस फूलना भी संकेत देता है। आज 7 मई अस्थमा दिवस है। डॉक्टर पांडा कहते हैं कि अकेले रायपुर अंबेडकर अस्पताल में राज्य भर से रोजाना 80 से 100 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अस्थमा दिवस पर इस बार थीम है अस्थमा एजुकेशन इ पॉवर। जिन दीगर अस्पतालों में पहले 2 दर्जन मरीज पहुंचते थे, वहा अब तीन से चार गुना मरीज बढ़ गए हैं.अस्थमा सभी आयु वर्ग के लोगों को हो रहा है। प्रदूषित, खानपान, वातावरण, जीवन शैली में बदलाव के बाद मरीज बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में वायु प्रदूषण बड़ा कारक है।

(लेखक डा. विजय)

About The Author

© Copyrights 2024. All Rights Reserved by : Eglobalnews