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Screen Time is Worrying: चिंता बढ़ा रही बच्चों में मोबाइल की लत, मानसिक रूप से कमजोर और शरीरिक विकास पर असर

Screen Time is Worrying:

Screen Time is Worrying: अमेरिका की सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर कोई बच्चा वर्चुअल वार्ड यानी स्क्रीन के सामने जरूरत से ज्यादा समय बिताता है तो वह खेल, व्यायाम, लोगों से मिलना-जुलना, बातचीत जैसे कई कौशल सीखने के लिए अपना समय कम कर देता है।

Screen Time is Worrying रायपुर। अगर आपका बच्चा स्क्रीन पर ज्यादा टाइम बीता रहा है, तो सतर्क हो जाए। अन्यथा उसके दिमाग के काम करने की क्षमता प्रभावित होने के साथ याददाश्त भी कमजोर पड़ने की आशंका है।

खासकर 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पालकों को ज्यादा सतर्क होना होगा। सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी अमेरिका के वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चा अगर जरूरत से ज्यादा समय वर्चुअल वॉर्ड यानी स्क्रीन के सामने बिताता है तो वह खेलकूद, व्यायाम, लोगों से मिलने, बातचीत करने जैसे बहुत से कौशल सीखने के लिए अपना समय कम करता जाता है। जिसका सीधा असर उसके समग्र व्यक्तित्व विकास पर पड़ता है।

दुनिया भर के अभिभावक चिंतित है

शोधकर्ताओं के मुताबिक इस समय दुनिया भर में पालकों का ध्यान इस बात पर लगा रहता है कि उसने बच्चों को मोबाइल से कैसे दूर रखें। ब्रिटेन डेजी ग्रीनवेल और क्लेयर फर्नीहॉफ ने अपने बच्चों को स्मार्टफोन से कैसे दूर रखा जाए, इसकी चर्चा के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। जब उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी योजनाओं के बारे में पोस्ट किया तो देखते-देखते बड़ी संख्या में अभिभावक इसमें शामिल होने लगे यह उनके सार्वजनिक फ्री चाइल्डहुड में 60 हजार से अधिक सदस्य हैं। ब्रिटेन कई ऐसे समूह है, जो बच्चों के मध्य स्क्रीन टाइम को लेकर चंतित है।

मोबाईल पर ज्यादा समय बिताने पर स्वास्थ्य संबंधित विकार उत्पन्न होते है

शोध के अनुसार 12 वर्ष की उम्र के लगभग सभी बच्चों के पास फोन होता है, वे सोशल मीडिया पर समय बिताते हैं। अगर इसमें बाधा डाली जाए तो उनके (बच्चों ) के व्यवहार में परिवर्तन आने लगता है। वे कुछ आक्रमक हो जाते हैं। कुछ बच्चे गुमसुम और कुछ आक्रामक हो जाते हैं। उनमें संवेदनशील विचार कम होने लगते हैं। साथ ही मोटापा, नींद संबंधी विकार,अवसाद और चिंता सहित मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों की संभावना बढ़ जाती है।

छोटे बच्चों को मोबाईल में ज्यादा समय बिताने से दुष्परिणाम सामने आते है

वैज्ञानिकों के अनुसार, दो से 12 साल के बच्चों को 24 घंटे में एक घंटे ही मोबाइल देखने दिया जाए और 12 साल से अधिक बच्चों को दो घंटे ही दिया जाए। इससे ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने पर बहुत सारे दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं।

(लेखक डा. विजय )

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