Mumbai High Court : LOC जारी करने का अधिकार सरकारी बैंकों के पास नहीं, मुंबई हाई कोर्ट का आदेश

Mumbai High Court: मुंबई हाई कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपने फैसले में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कर्ज नहीं चुकाने वालों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी करने का कानूनी अधिकार नहीं है।
Mumbai High Court रायपुर। मुंबई हाईकोर्ट ने याचिकाओं की सुनवाई के बाद फैसले में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कर्ज नही चुकाने वालों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी करने का कानूनी अधिकार नही है।
जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस माधव जामदार की पीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। खंडपीठ ने केंद्र सरकार के कार्यालय ज्ञापन की उस धारा को भी असंवैधानिक करार दिया, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्ष को कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी करने का अधिकार दिया गया था।
मुंबई हाई कोर्ट ने डिफॉल्टरों के खिलाफ एलओसी जारी नहीं करने का आदेश दिया है
याचिकाओं में तर्क दिया गया था कि “देश के आर्थिक हित” वाक्यांश की तुलना किसी भी बैंक के “वित्तीय हितों ” से नही की जा सकती। किसी भी बैंक की वित्तीय चिंताए “देश के आर्थिक हितों” के अनुरूप नही है। यह तर्क भी दिया गया कि केंद्र का परिपत्र संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार को कम करता है। उधर केंद्र सरकार ने सन 2018 में सरकारी बैंकों को देश के आर्थिक हित में डिफॉल्टर्स के खिलाफ (LOC) जारी करने का अधिकार दिया था। इसके तहत किसी व्यक्ति का विदेश जना देश में आर्थिक हित के लिए हानिकारक हो सकता हो तो उसे ऐसा करने से रोका जा सकता है। बहरहाल कोर्ट के उक्त फैसले के बाद सरकारी बैंकों के डिफॉल्टर्स के खिलाफ जारी सभी (LOC) रद्द हो जायेगे।