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निर्धारित कीमत से अधिक में चावल खरीद रहा जेल प्रशासन, कारोबारियों ने जताया विरोध

Chhattisgarh News:

Chhattisgarh News : राज्य के जेलों में कैदियों को दिए जाने वाले चावल की खरीदी को लेकर कारोबारियों ने विरोध जताया है।

Chhattisgarh News रायपुर। राज्य के जेलों में कैदियों को दिए जाने वाले चावल की खरीदी को लेकर कारोबारियों ने विरोध जताया है। उनका सीधा सा सवाल है कि जब वह (कारोबारी) 29 रुपए प्रति किलो में चावल आपूर्ति करने को तैयार हैं और राज्य सरकार भी अब 38 रुपए में उपलब्ध करा रही है, तो जेल प्रशासन यही चावल में NAFED से 44 रुपए प्रति किलो में क्यों कर खरीद रहा है।

राजधानी समेत प्रदेश भर के कारोबारियों का कहना है कि जब वही चावल बाजार में कम मूल्य पर मिल रहा है, तो उसके बाद भी नेफेड अपने निविदाकार र के जरिए इसकी आपूर्ति कर रहा है। इस पर आपत्ति जताते हुए कारोबारियों ने प्रदेश की सभी जेलों के अधीक्षकों को ज्ञापन सौंपा है। साथ ही इसकी आपूर्ति को लेकर सवाल खड़ा किया है। इन कारोबारियों का स्पष्ट कहना है कि नेफेड केवल चना दाल को छोड़कर अन्य सामान अपने इम्पैनल निविदाकार से ही खरीद रहे हैं। इसके एवज में ठेकेदारों से दो प्रतिशत प्रोसेसिंग चार्ज भी लिया जा रहा है। इन ठेकेदारों को बाजार से कम कीमत पर नेफेड को 19 विभिन्न सामानों के आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके पहले यही ठेकेदार पिछले कई वर्षों से बाजार से कम कीमत पर सीधे जेलों को सामानों की आपूर्ति कर रहे हैं। इस बार तो इन्हें पंजकृत होने का भी मौका तक नही दिया है।

कारोबारियों के अनुसार जेल डीजी द्वारा लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद 22 मार्च को सभी जेल अधीक्षकों को पत्र लिखा गया था। जिसमें उनसे तीन माह में लगने वाले खाद्य सामग्रियों का संभावित ब्यौरा मांगा गया था। उधर नेफेड के राज्य प्रमुख संजय सिंग का कहना है कि कैदियों के दिए जाने वाले सामान अच्छे और कम कीमतों पर निविदाकार द्वारा आपूर्ति की जा रही है। सारा काम नेफेड की निगरानी में हो रहा है।

कारोबारियों ने कैदियों को दिए जाने वाले सामानों की क्वालिटी पर संदेह जताते हुए निम्न स्तरीय सामानों की आपूर्ति की आशंका जताई है। उधर बताया जा रहा है कि जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक, न्यायाधीश, मानवाधिकार संस्था के अधिकारी कई बार जेलों का निरीक्षण कर चुके हैं। उनके द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले खाद्य पदार्थो (सामानों) की क्वालिटी की प्रशंसा की गई है। लेकिन कारोबारी वर्तमान सामानों की आपूर्ति को लेकर आरोप लगा रहे हैं। संदेह व्यक्त कर रहें कि इन दिनों निम्न स्तरीय चावल की आपूर्ति की जा रही है।

(लेखक डा. विजय )

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