High Court Bilaspur : सड़कों की जर्जर हालत पर हाईकोर्ट का आदेश, जनहित के कामों में लागू नहीं होती आचार संहिता

High Court Bilaspur:
High Court Bilaspur उच्च न्यायालय बिलासपुर में जनहित की आवश्यकता को मददेनजर रखते हुए धनेली के पास से विधानसभा मार्ग के खराब होने पर, चुनाव के दौरान टेंडर जारी करने का आदेश दिया है।
High Court Bilaspur रायपुर। उच्च न्यायालय बिलासपुर में जनहित की आवश्यकता को मददेनजर रखते हुए धनेली के पास से विधानसभा मार्ग के खराब होने पर, चुनाव के दौरान टेंडर जारी करने का आदेश दिया है। राज्य की खराब सड़कों को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई हुई, विभाग की ओर से कोर्ट में कहा गया कि विधानसभा की जर्जर सड़क की मरम्मत के लिए 22.5 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। लेकिन आचार संहिता के कारण टेंडर जारी नहीं हो सका है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच भी सुनवाई हुई
दरअसल, यह आदेश नागरिकों को शीघ्र राहत प्रदान करने की दृष्टिकोण के मददेनजर जारी किया गया है। उच्च-न्यायालय ने बुधवार को महाधिवक्ता को मामले को देखने के निर्देश भी दिए हैं। उच्च न्यायालय में बुधवार को इन रेफरेंस रोड ऑफ छत्तीसगढ़ के मामले में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच भी सुनवाई हुई।
न्याय मित्रों ने रेफरेंस रोड पर पेश की रिपोर्ट
न्याय मित्रों ने न्यायालय के समक्ष रायपुर एयरपोर्ट जाने के लिए नेशनल हाईवे पर धनेली के पास से विधानसभा मार्ग के खराब होने की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। जिस पर उच्च न्यायालय ने तत्काल स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया। इस पर स्टेट ने लगभग 22 करोड़ 50 लाख रुपए सड़क निर्माण में स्वीकृत होने की जानकारी देकर चुनाव के कारण टेंडर जारी नही होने की जानकारी दी। इस बात पर न्याय मित्रों ने कहा कि जनहित में जारी न्ययालयीन आदेश पर माडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू नही होता है। इसके बाद जनहित की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने चुनाव के दौरान टेंडर जारी करने का आदेश दिया।