Rangpanchami 2024: क्यों मनाई जाती है रंगपंचमी? जानिए क्या है इसका धार्मिक महत्व

Rangpanchami 2024:
Rangpanchami 2024: रंग पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने राधा के साथ होली खेली थी, इसलिए रंग पंचमी के दिन श्री कृष्ण के साथ राधा रानी की भी पूजा की जाती है।
Rangpanchami 2024 रायपुर से : हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। रंगपंचमी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाए जाने की वजह से इसे कृष्णपंचमी भी कहा जाता है। देश और कुछ राज्यों में विशेष रूप से रंग पंचमी धूमधाम से मनाई जाती है, रंगपंचमी को अलग -अलग राज्यों में इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे- रंगपंचमी, श्रीपंचमी, देव पंचमी भी कहा जाता है। इस साल रंगपंचमी 30 मार्च को मनाई जाएगी। होली मनाने के पांच दिन बाद रंगपंचमी मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने राधा के साथ होली खेली थी, इसलिए रंग पंचमी के दिन श्री कृष्ण के साथ राधा रानी की भी पूजा की जाती है। इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी को रंग अर्पित किया जाता है। कई राज्यों में रंगपंचमी के दिन जुलूस निकाले जाते हैं, जिसमें हुरियारे अबीर गुलाल उड़ाते हैं। मथुरा वृंदावन में इसकी धूम रहती है साथ ही गुजरात राज्य में द्वारका में धूमधाम से मनाया जाता है।
रंगपंचमी के दिन वातावरण में हर तरफ अबीर और गुलाल उड़ता नजर आता है। मान्यता है कि इस दिन वातावरण में उड़ने वाला गुलाल व्यक्ति के सात्विक गुणों को बढ़ाता है। साथ ही तामसिक और राजसिक गुण नष्ट हो जाते हैं, इसलिए इस दिन शरीर पर रंग लगाने की बजाय वातावरण में रंग फैलाया जाता है। यह त्यौहार आपसी प्रेम और सौहार्द को दर्शाता है। शास्त्रों के अनुसार इस पर्व को बुरी शक्तियों पर विजय का दिन भी कहा जाता है।
इन राज्यों में रंग पंचमी धूमधाम से मनाई जाती है
रंग पंचमी का त्योहार महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ क्षेत्रों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यहां लोग एक दूसरे पर गुलाल फेंकते हैं। घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। साथ ही दोस्तों और रिश्तेदारों को भी आमंत्रित किया जाता है। लोग नृत्य और संगीत का आनंद लेकर रंगपंचमी मनाते हैं। मध्य प्रदेश के इंदौर में रंगपंचमी के दिन गुलाल उड़ाकर जुलूस निकाला जाता है, जिसे ‘गेर’ कहा जाता है