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Kidney Transplant: किडनी ट्रांसप्लांट की राह हुई आसान, पहली बार जीवित इंसान में लगाई गई सूअर की किडनी

Kidney Transplant:

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Kidney Transplant: मेडिकल साइंस ने कीर्तिमान स्थापित किया अमेरिका में डॉक्टरों ने एक सुअर की किडनी को इंसान के शरीर में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर दिया है, मेडिकल साइंस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।

Kidney Transplant: अमेरिका के बोस्टन स्थित मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के चिकित्सकों ने इंसान में सूअर की किडनी (गुर्दा) को ट्रांसप्लांट (प्रत्यारोपित) किया है। मरीज अभी स्वस्थ है और जल्द उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

मेडिकल साइंस ने कीर्तिमान स्थापित किया

मेडिकल साइंस ने कीर्तिमान स्थापित किया है। अमेरिका में डॉक्टरों ने एक सुअर की किडनी को इंसान के शरीर में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर दिया है। मेडिकल साइंस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। इस सफल ट्रांसप्लांट के बाद देश-दुनिया में किडनी रोग से पीड़ित लोगों में उम्मीद की किरण जगी है। दरअसल, देश-दुनिया में लाखों लोग ऐसे हैं, जो किडनी ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उपयुक्त दानदाता नहीं मिलते, ऐसे लोगों को उम्मीद है कि डॉक्टरों की इस उपलब्धि से उनकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी।

सूअर की किडनी का इंसान में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया गया

रिचर्ड रिक स्लेमैन (62) पिछले 11 वर्षों से किडनी की खराबी से जूझ रहे थे। 2018 में उन्हें इंसानी किडनी लगाई गई थी। पर महज 5 बरस में वह खराब होने लगी तब 2023 में स्लेमैन पुनः डायलिसिस पर आ गए। इसके बाद बोस्टन स्थित मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के चिकित्सकों ने मरीज के शरीर में सूअर की किडनी प्रत्यारोपित की। रिचर्ड को लगाई गई सूअर की किडनी को अस्पताल के ईजेनेसिस ऑफ़ कैंब्रिज सेंटर के वैज्ञानिकों ने विकसित किया था। जिस पर वे लंबे अरसे से शोध कर रहे थे। वैज्ञानिकों ने पहले सूअर से रेट्रो वायरस को निष्क्रिय किया जो इंसान में इन्फेक्शन का कारण बन सकते थे। इसके बाद इसमें इंसान के जीन को जोड़ा गया जिससे इसकी क्षमता में वृद्धि दर्ज की गई।

लैंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टिट्यूट के डॉक्टर रोबर्ट मोंटगोमेरी ने बताया कि यह कदम जेनेट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में नया अध्याय है। जेनेट्रांसप्लांटेशन का अर्थ है किसी गैर इंसानी जीव के अंगों का मानव में प्रत्यारोपण करना। मोंटगोमेरी ने कहा है कि दुनियाभर में लाखों लोगों का किडनी फेल्योर की समस्या से जूझना पड़ता है ऐसे में रोगियों के लिए यह बड़ी राहत होगी। स्लेमैन में मानव किडनी खराब होने पर चिकित्स्कों ने सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया था, जो स्लेमैन पर प्रयोग किया गया यह पहली बार है, जब किसी इंसान के शरीर में सूअर की आनुवांशिक तौर पर संशोधित किडनी ट्रांसप्लांट किया गया। विश्व में हर वर्ष लाखों मरीज इसलिए मर जाते है कि कई वर्ष इंतजार के बावजूद उन्हें किडनी नही मिल पाती यदि मिल भी जाए तो प्रक्रिया काफी जटिल है।

सूअर की किडनी ही क्यों ?

दरअसल, लंबे समय तक यह माना जाता था कि इंसान की किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए सूअर की किडनी काफी उपयुक्त होती है। लेकिन सूअर की कोशिकाओं में अल्फा-गैल नामक एक शर्करा कोशिका होती थी। उसे मानव शरीर द्वारा अस्वीकार किये जाने का खतरा था। ऐसे में इस समस्या को हल करने के लिए सूअर को आनुवंशिक रूप से संशोधित किया गया ताकि वह इस विशेष कोशिका का उत्पादन न कर सके।

(लेखक डा. विजय )

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