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दिन और रात आज बराबर, लीप ईयर के कारण मार्च इक्विनॉक्स एक दिन पहले

Raipur News:

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Raipur News: लीप ईयर (29 फरवरी पड़ने से) के चलते एक दिन पूर्व यानि आज 20 मार्च बुधवार को दिन-रात समयावधि बराबर होगी। इसके अलावा वर्ष में प्रत्येक 23 सितंबर को भी दिन-रात बराबर अवधि के होते हैं।

Raipur News: खगोल प्रेमियों के लिए बुधवार यानि 20 मार्च खास है। वजह आज दिन और रात बराबर अवधि के होंगे। वैसे आमतौर पर हर वर्ष 21 मार्च को दिन-रात बराबर अवधि के होते हैं परंतु इस बार लीप ईयर (29 फरवरी पड़ने से) के चलते एक दिन पूर्व यानि आज 20 मार्च बुधवार को दिन-रात समयावधि बराबर होगी। इसके अलावा वर्ष में प्रत्येक 23 सितंबर को भी दिन-रात बराबर अवधि के होते हैं। भूगोलविदों के अनुसार भूमध्य रेखा पर लंबवत रहने के कारण सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है, जिससे 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है। खगोलविद आज मौके पर अपना अनुसंधान करेंगे।

जीवाजी वेधशाला, उज्जैन के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्ता ने कहा है कि

इस संदर्भ में जीवाजी वेधशाला, उज्जैन के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्ता ने कहा है कि इस साल 20 मार्च को सूर्य भूमध्य रेखा पर पहुंचा था। जिससे दिन और रात बराबर रहें। इससे पहले 2016 और 2017 में भी सूर्य 20 मार्च को भूमध्य रेखा पर पहुंचा था। इसे बसंत सम्पात भी कहा जाता है। मार्च के अलावा 22 और 23 सितंबर को दिन और रात बराबर होते हैं लेकिन सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश करता है। उसके बाद दिन छोटे और रातें लंबी हो जाती हैं।

20 मार्च यानी आज वसंत विषुव पर परछाई शून्य हो जाएगी

डॉक्टर गुप्ता बताते हैं कि जब सूर्य भूमध्य रेखा, कर्क रेखा और मकर रेखा पर होता है, तो सूर्य की 4 स्थितियां बनती हैं, क्रमशः मार्च विषुव, जून संक्रांति, सितंबर विषुव और दिसंबर संक्रांति। इस बार 20 मार्च यानी आज वसंत विषुव पर सूर्य भूमध्य रेखा पर है। इस समय यदि कोई व्यक्ति भूमध्य रेखा पर खड़ा हो तो उसे सूर्य ठीक अपने सिर के ऊपर दिखाई देगा और एक निश्चित समय पर उसकी छाया शून्य हो जाएगी।

भूमध्य रेखा 14 देशों से होकर गुजरती हैं

भूमध्य रेखा 14 देशों से होकर भूमि या जल से होकर गुजरती है। पृथ्वी की सतह पर अधिकांश भूमध्यरेखीय क्षेत्र समुद्री है। अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने के लिए भूमध्य रेखा के आसपास के स्थान अच्छे हैं। गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ और फ्रेंच गुयाना का अंतरिक्ष केंद्र भी भूमध्य रेखा पर स्थित हैं।

सूर्य का उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश

20 मार्च यानी आज सूर्य मेष राशि में भूमध्य रेखा पर आने के बाद अब उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश करेगा। सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश के कारण भारत सहित उत्तरी गोलार्ध में स्थित देशों में दिन की लंबाई धीरे-धीरे लंबी और रातें छोटी होती जाएंगी। यह स्थिति 21 जून तक रहेगी। सूर्य के भूमध्य रेखा के लंबवत होने की इस स्थिति को वसंत सम्पात भी कहा जाता है।

वेधशाला अधीक्षक डॉ. गुप्ता के अनुसार शंकु यंत्र और वलय यंत्र से दूरी की स्थिति 0 डिग्री पर देखी गई

वेधशाला अधीक्षक डॉ. गुप्ता के अनुसार शंकु यंत्र और वलय यंत्र से दूरी की स्थिति 0 डिग्री पर देखी गई। उन्होंने बताया कि 20 मार्च को पूरे दिन शंकु की छाया एक सीधी रेखा में घूमती नजर आई। इससे पहले 24 सितंबर से 19 मार्च तक नादिवल्य यंत्र के दक्षिणी हिस्से पर धूप खिली थी. अभी 21 मार्च से 22 सितम्बर तक अगले 6 माह तक इस यंत्र के उत्तरी गोल भाग पर धूप रहेगी। इस प्रकार सूर्य के गोलार्ध परिवर्तन को प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है।

(लेखक डा. विजय )

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