Raipur News : गरीबों को मुफ्त मिलने वाले चावल की कालाबाजारी, कहीं ब्रांडेड नाम से तो नहीं खरीद रहे आप..!

Raipur News :
Raipur News : राजधानी में गरीबों (बीपीएल) को मुफ्त और एपीएल (सामान्य) को 10 रुपये प्रति किलो मिलने वाला चावल कमीशन एजेंटों और चावल मिल मालिकों को बेचा जा रहा है।
Raipur News : सावधान हो जाए अगर आप दुकानदारों से पैकेट बंद या खुला ही सही ब्रांडेड चावल खरीद रहें हैं, तो दरअसल राजधानी में गरीबों (बीपीएल) को मुफ्त एवं एपीएल (सामान्य) को10 रुपए किलो मिलने वाला चावल वास्तव में हितग्राहियों के लिए सरकार मुफ्त एवं रियायती दर पर उपलब्ध करा रही है। पर राशन दुकानदार, राइस मिलों के दलाल, राइस मिलर्स एवं सामान्य दुकानदार (जहां से आप सामान लेते हैं) साथ ही खाद्य निरीक्षकों की मिली भगत से बड़ा खेल-खेला जा रहा है।
अप्रत्यक्ष रूप से हितग्राही भी शामिल है
शहर में चर्चा ए आम है कि पिछले कई माह से राशन दुकानदार मुफ्त में मिलने वाले चावल एवं सामान्यजनों को 10 रुपए किलो दर से उपलब्ध चावल का कोटा देते या बेचते ही खुद खरीद ले रहे हैं। वह भी 26 से 28 रुपए किलो दर देकर या फिर सीधे यानी चावल के बदले (निर्धारित कोटा) हिसाब से उक्त दर पर पैसा देकर ग्राहकों को चलता कर रहें हैं, दूसरे अर्थों में खुद गरीब, सामान्य जन भी राशन दुकानदार के खेल में अप्रत्यक्ष सहयोग दे रहें हैं।
दलाल राशन दुकानों से 26-28 रुपये में चावल खरीद रहे हैं
दूसरे चरण के खेल वास्ते राइस मिल के दलाल राशन दुकानों के आगे दुपहिया लेकर खड़े रहते हैं, वे हाथों-हाथ चावल दुकानदार से 26 से 28 रुपए किलो दर पर या हितग्राही से इसी दर पर खरीदकर उसे 35 रुपए किलो दर पर राइस मिलर्स को बेच देते हैं। राइस मिलर्स इस चावल की मिलिंग करके इसे 55 से 60 वाला चावल जैसा रूप दे देते हैं। राइस मिलर्स 35 रुपए में खरीद मिलिंग एवं अनुचित लाभांश जोड़ 45 रुपए किलो दर पर समान्य दुकानदारों को उपलब्ध करा देते हैं, इस तरह तीसरे चौथे चरण उपरांत मुफ्त या 10 रुपए किलो वाला चावल दुकानदार अच्छे ब्रांड की बोरी, पैकेट में पैक कर 55 से 60 रुपए किलो पर बेच अनुचित लाभांश उठाते हैं।
खाद्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई की बात कही है
बताया जा रहा है कि पूर्व जिलाधीश ने ततसंबंधी शिकायतों के बाद खाद्य विभाग एवं पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई की बात कही थी, पर ऐसी कोई कार्रवाई आज तक नहीं होने से खेल धड़ल्ले से दिन-दहाड़े चल रहा है। चर्चा तो यह है कि खाद्य विभाग के कुछ लोग भी इसमें मिले हुए है इसलिए रोजाना लाखों रुपए का यह धंधा चल रहा है,जबकि केंद्र एवं राज्य सरकारें जनहित में यह योजना मुफ्त या 10 रुपए किलो चला रही है।
पकड़े जाने पर अधिनियम 1955 की धारा 3 के तहत कार्रवाई की जायेगी
राजधानी के रामनगर स्थित एक किराना दुकान में पीडीएस का उक्त चावल स्टॉक किया जा रहा है, जहां से चावल राइस मिलर्स के पास आमसिवनी, सकरी, दलदल सिवनी भेजा जा रहा है। शहर के अंदर लाखेनगर, देवेंद्र नगर के दलाल इस खेल में जुटे है। जिलाधीश ने कहा है कि निगरानी टीम बनाई गई है राशन दुकानों का चावल बेचने वाले, खरीदने वालों दोनों पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी। बताया जा रहा है कि कुछ शिकायतें वर्तमान जिलाधीश के पास पहुंची हैं।
छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा-3 के तहत कार्रवाई की जाएगी जिसमें 7 साल तक की अधिकतम सजा का प्रावधान है, कार्रवाई के तहत सरकारी राशन दुकान द्वारा चावल खरीदने की शिकायत पर दुकान निलंबन एवं एफआईआर दर्ज होगा। राशन कार्ड धारियों का राशन कार्ड रद्द किया जाएगा। खरीदने पर उपरोक्त अधिनियम अंतर्गत कार्रवाई तथा चावल परिवहन करने पकड़े जाने पर वाहन की जब्ती एवं चालक ( ले जाने वाले ) पर अधिनियम तहत कार्रवाई होगी।