“इण्डिया” गठबंधन की पहली रैली में चार महारथी नहीं पहंचे ..!

इण्डिया गठबंधन :
रैली में बेरोजगारी, सामाजिक व आर्थिक न्याय और देश के संविधान को बचाने पर खूब चर्चा हुई, लेकिन विपक्षी नेता जनता को गठबंधन के साझा कार्यक्रम की जानकारी नहीं दे पाये।
इण्डिया गठबंधन : विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” पहली बड़ी रैली पटना के गांधी मैदान में रविवार को हुई। राजद नेता तेजस्वी यादव के जन विश्वास यात्रा के समापन पर आयोजित रैली में जबरदस्त भीड़ उमड़ी थी, जिससे मंच पर बैठे नेताओं में जोश आ गया और उन्होंने मौके पर भाजपा पर तीखा हमला बोला।
तेजस्वी यादव के जन-विश्वास यात्रा –
रैली में बेरोजगारी सामाजिक व आर्थिक न्याय और देश-संविधान बचाने पर ज्यादा चर्चा हुई, पर गठबंधन के साझा कार्यक्रम की जानकारी विपक्षी नेता लोगों को नहीं दे पाए। जून 2023 में विपक्षी दलों ने गठबंधन करके उसका “इंडिया” नाम रखा था 8 माह बाद रविवार को यह पहली रैली थी, वह भी तेजस्वी यादव की जन-विश्वास यात्रा के समापन मौके पर भीड़ अच्छी थी, पर यह भारी भीड़ तेजस्वी के जन-विश्वास यात्रा के समापन को लेकर उमड़ी या “इंडिया” गठबंधन की पहली रैली या दोनों को लेकर उमड़ी थी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। परंतु महागठबंधन के प्रमुख साथियों में से शरद पवार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे जैसे बड़े नेता रैली में नजर नही आए। जिस पर चर्चा होती रही, बस राजद, कांग्रेस और वाम दलों के नेता मौजूद थे। कहा जा रहा है कि रैली “इंडिया” गठबंधन से बिहार महागठबंधन की नजर आई। रैली में उमड़ी जनता को उम्मीद थी सीटों का बंटवारा होने के साथ साझा कार्यक्रम पेश किया जाएगा, पर दोनों के न होने से निराशा हुई। ऊपर से शरद पवार, केजरीवाल, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं राजद प्रमुख लालू यादव ने भाजपा पर हमला किया। इन सबके बावजूद “इंडिया” गठबंधन के अन्य दलों के प्रतिनिधियों का मौजूद न होना कई सवाल खड़े करता है।
“इंडिया” गठबंधन उत्तर प्रदेश और दिल्ली को छोड़कर सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप नहीं दे पाया है –
भाजपा ने दो दिन पूर्व लोकसभा चुनाव बाबत अपनी 195 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी पार्टी रैलियां- सभाएं कर रही है। नेता व पदाधिकारी जमीनी स्तर पर जाकर लोगों को केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिना रहें हैं। पीएम मोदी हफ्ते भर के अंदर आधा दर्जन से अधिक राज्यों का दौरा कर सभाएं करेंगे। इधर “इंडिया” गठबंधन उत्तर प्रदेश, दिल्ली को छोड़ कही सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं कर पाया है, उधर केंद्र की भाजपा नीत सरकार के पास जनता को अपना कार्य बताने दर्जन भर से अधिक बड़े कार्य है योजनाएं हैं, जो सब चल रहे है लोग लाभान्वित हो रहे हैं,पर इधर महागठबंधन के पास क्या करेंगे इसका साझा कार्यक्रम तक नही है जबकि चुनाव सिर पर आ गया है कभी भी चुनाव आचार संहिता लग सकती है।