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यूक्रेन युद्ध में भेजे गए भारतीय नागरिकों को भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप के बाद रिहा किया गया

नई दिल्ली :

नई दिल्ली :

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में विदेश मंत्रालय के समक्ष रूस-यूक्रेन युद्ध में भारतीयों को धोखे से शामिल करने का मुद्दा उठाया था।

नई दिल्ली : भारतीय विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप बाद रूस की सेना में काम कर रहे कई भारतीयों को मुक्त कर दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने मामला सामने आने के बाद रूसी सरकार के समक्ष मुद्दा उठाया था।

विदेश मंत्रालय ने भारतीयों से किया आग्रह

मीडिया में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक रूसी सेना ने दुबई के जरिए कुछ भारतीयों को अपने साथ नौकरी के नाम से अनुबंध किया था। इन भारतीयों द्वारा अपने परिवारों को भेजी गई जानकारी के मुताबिक, उन्हें यूक्रेन सीमा के पास युद्ध के मैदान में ले जाया गया और कहा गया कि उन्हें लड़ाई लड़नी है। उनके पास अपने परिवार से संपर्क करने का भी कोई साधन नहीं था। यह पूरा मामला तब सामने आया जब एक भारतीय ने रूसी सैनिक के मोबाइल फोन के जरिए अपने परिवार से संपर्क किया।विदेश मंत्रालय ने भारतीयों से आग्रह किया कि वे रूस या विदेश में किसी ठेकेदार से नौकरी पाने के झांसे में न पड़ें।

विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया

फिलहाल विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय दूतावास ऐसी सभी शिकायतों पर नजर रख रहा है। सूत्रों ने कहा कि जो लोग सीमा पर जबरन मजदूरी कराने का दावा कर रहे हैं, उनमें से कई देश छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं कुछ लोग बिना कुछ पैसे कमाए वापस नहीं आना चाहते।

सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विदेश मंत्रालय के सामने उठाई आवाज

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में विदेश मंत्रालय के समक्ष रूस-यूक्रेन युद्ध में भारतीयों को धोखे से शामिल करने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक, केरल, जम्मू-कश्मीर में रहने वाले भारतीय नौकरी के लिए रूस गए थे। उन्हें युद्ध के लिए मजबूर किया जा रहा है। कर्नाटक में पीड़ित युवकों के परिजनों ने ये बात अपने सांसद औवेसी को बताई थी। इसके साथ ही कुछ रूसी मीडिया में भी ये बात सामने आई थी कि भारतीयों को दूसरी नौकरियों के बहाने बुलाया जा रहा है और यूक्रेन से युद्ध लड़ने के लिए भेजा जा रहा है। बहरहाल मामला सामने आते ही भारत के विदेश मंत्रालय ने तुरंत कदम उठाया और रूस के सामने आपत्ति जताते हुए हस्तक्षेप किया। जिस पर रूस ने भारतीयों को सेना से मुक्त कर दिया है। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं है कि रूस ने यूक्रेन युद्ध में कितने भारतीयों को शामिल किया है। फिलहाल मंत्रालय मॉस्को (रूस) से लगातार संपर्क में है।

(लेखक डा. विजय)

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