बच्चों की खरीदी-बिक्री करने वाले गैंग का भंडाफोड़, 4 महीने के नवजात का 5 लाख में हुआ था सौदा

रायपुर: राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाना पुलिस ने शुक्रवार को बच्चा खरीदी बिक्री करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया।
पुलिस गिरफ्त में आए लोग व्हाट्सएप में एक मैसेज वायरल कर 4 महीने के बच्चे को 5 लाख रुपये में बेचने के लिए ग्राहक की तलाश कर रहे थे। एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम को व्हाट्सएप में एक बच्चे का सौदा करने ग्राहक तलाश करने की जानकारी मिली। जिसके आधार पर पुलिस और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को बच्चा बेचने की जानकारी व्हाट्सएप मैसेज वायरल होने के बाद मिली थी।
अधिकारियों को पता चला कि कोई बड़ा आदमी बच्चा गोद लेना चाहता है। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने गिरोह में शामिल लोगों को कलेक्ट्रेट के पास घेराबंदी कर पकड़ा। उनके मोबाइल जब्त कर उसकी जांच की तो महिला द्वारा अपने बच्चे को बेचने की बात सामने आई।
रायपुर सिविल लाइन पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा: शहर एडिशनल एसपी लखन पटले ने बताया कि दुधमुंहे बच्चे को बेचने की फिराक में ग्राहक की तलाश करने के आरोपी दुर्ग निवासी नीलकंठ साहू, खमारडीह निवासी यशोदा नायक, सुशीला नायक, सरस्वती साहू, योगेश साहू और दिलीप साहू को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 370, 34 और जेजे एक्ट 2015 की धारा 80,81 के तहत कार्रवाई की है।
बच्चा बेचने का बड़ा रैकेट: इस पूरे घटनाक्रम में जो महिला बच्चे को अपना होने का दावा कर रही है। वह बच्चा इस महिला का है या नहीं इस बात की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है। जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उन लोगों के द्वारा किसी दूसरी जगह से बच्चा चोरी कर लाकर बेचने की आशंका पुलिस ने जताई है। दलालों के कब्जे से जब्त मोबाइल फोन में कई गर्भवती महिलाओं के फोटो भी हैं और उन महिलाओं द्वारा अजन्में बच्चे का सौदा किए जाने की बात भी सामने आई है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।