हैदराबाद टेस्ट मैच में भारत 28 रन से हार गया, ये था वास्तविक बैजबॉल टेस्ट क्रिकेट..!

इंग्लैंड के बल्लेबाज पोप ने 198 रनों की जुझारू पारी खेलकर उनकी मेहनत को सार्थक साबित किया और इंग्लैंड के युवा गेंदबाज टॉम हार्टले ने महज 62 रन देकर 7 विकेट लेकर अपने देश को मैच जिता दिया।
IND vs ENG Test Series : हैदराबाद में खेला गया भारत इंग्लैंड के मध्य पहला टेस्ट क्रिकेट सच मायनों में क्रिकेट था। बैजबॉल बनाम भारतीय स्पिनरर्स का मुकाबला होने की बात कहने वाले विशेषज्ञों को हर्ष मिश्रित आश्चर्यचकित कर दिया। पहले इंग्लैंड के बल्लेबाज पोप ने जुझारू 198 रन की पारी खेलकर तो वही पोप की मेहनत को सार्थक साबित करते हुए अंग्रेज युवा सिपनर टॉम हार्टले ने महज 62 रन देकर 7 विकेट लेकर बाजी पलटते हुए मैच अपने देश की झोली में डाल लिया। साथ ही अपने पदार्पण टेस्ट को ऐतिहासिक बना लिया।
पोप ने 148 रनों की नाबाद पारी खेलकर जीत की नींव रखी
टेस्ट मैच के पहले ही दिन जब इंग्लैंड की टीम बेसबॉल स्टाइल में खेलते हुए 246 रन पर आउट हो गई तो जवाब में भारत ने एक विकेट के नुकसान पर 119 रन बना लिए। उस वक्त हर कोई यही अंदाजा लगा रहा था कि भारत ये टेस्ट जीत जाएगा। दूसरे दिन भारत ने स्कोर 7 विकेट के नुकसान पर 421 रन बनाकर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। तब लोगों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया कि भारत पारी से जीतेगा। लेकिन तीसरे दिन इंग्लैंड ने भारत को 436 रन पर समेटकर अपनी दूसरी पारी शुरू की। तब वह 190 रन पीछे थी। लेकिन शुरुआती विकेट गिरने के बाद अंग्रेज़ों ने नियंत्रण करना शुरू कर दिया और बेसबॉल शैली की जगह क्लासिकल क्रिकेट को अपनाया। नतीजा यह हुआ कि हमने 6 विकेट के नुकसान पर 316 रन बनाकर 126 रनों की बढ़त ले ली। यहीं पर पोप ने 148 रनों की नाबाद पारी खेलकर जीत की नींव रखी थी। चौथे दिन इस युवा इग्लैंड खिलाड़ी ने 196 रनों की पारी खेली और अपने साथियों के साथ उपयोगी साझेदारी की। जिसका नतीजा ये हुआ कि इंग्लैंड मैच की तीसरी और दूसरी पारी में 420 रन बनाने में सफल रही। इस तरह उसने चौथी पारी में भारत के सामने 231 रनों का लक्ष्य रखा। पोप ने भारतीय सीनियर स्पिनरों जड़ेजा, अश्विन, अक्षर, बुमराह और सिराज को कॉपी-टू-बैट स्टाइल में विकेट नहीं लेने दिया। आख़िरकार जब वह आउट हुए, तब तक वह इंग्लैंड को मैच में वापस ला चुके थे।
हार्टले ने सिर्फ 62 रन देकर 7 विकेट लिए
चौथे दिन भारत के लिए 231 रन की चुनौती में कमतर मान लोग जीत की आस बना रखे थे। परंतु युवा अंग्रेज स्पिनर अपना पहला टेस्ट खेल रहे टॉम हार्टले ने गजब ढाया। उसने रोहित, यशस्वी, शुभमन भरत, अश्विन जैसे बल्लेबाजों, आलराउंडर को अपनी फिरकी की जाल में फंसाया हार्टले ने महज 62 रन देकर 7 विकेट चटकाए। नियमित अंतराल से विकेट गिरते चले गए और भारत घरेलू पिच पर विदेशी स्पिनर के आगे घुटने टेकने मजबूर हुआ। महज 202 रन बना पाई और 28 रन से हार का सामना करना पड़ा। रूट ने 1 एवं लीच ने 1 विकेट लिए। रोहित 39, राहुल 22, भरत 28 एवं अश्विनी 28 रन बनाए।
इंग्लैंड की टीम ने 1-0 की बढ़त ले ली
इस तरह पहले 3 दिन हारते दिखने वाली फिरंगियों की टीम ने केवल मैच बचा पाई वरन जीत दर्ज कर1-0 की बढ़त 5 टेस्ट मैच की सीरीज में बना ली है। इसे क्रिकेट कहते हैं। जहां बैजबाल शैली सफल न होते देख अंग्रेजों ने जो क्रिकेट के जनक है क्लासिकल शैली अपनाई। जबकि कप्तान बेन स्टोक्स व रूट
जैसे बल्लेबाज दूसरी पारी में जल्दी विकेट गंवा बैठे थे- तब युवा पोप ने जुझारू एवं टिकाऊ बल्लेबाजी कर क्रिकेट को जीवंत किया। साथ ही साबित किया कि क्रिकेट अनिशिचताओं का खेल है। आगे के चार टेस्ट मैचों के लिए यह जीत अंग्रेजों के लिए बूस्टर डोज रहेगी।भारतीय टीम फिलहाल रक्षात्मक मूड में खेलेगी। ने टॉम हार्टले ने भारतीय मैदान (स्पिनरों के लिए मददगार) का अच्छा उपयोग करके खुद को साबित किया।